अमरदीप झा एग्जक्यूटिव एडिटर बिहार नाउ
देश के जाने माने मशहूर वकील पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का निधन हो गया है। राम जेठमलानी का निधन उनके दिल्ली स्थित आवास में हुआ। जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1927 में हुआ था। वह बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे । जेठमलानी के निधन पश्चात श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजद नेता मनोज झा सहित बहुत सारे नेता, अधिवक्ता पहुंचे ।
उनके अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पहुंचे। राम जेठमलानी को हाजिर जवाबी नेता और वकील के रूप में जाना जाएगा। जब वह अपनी बातों को तर्कों के साथ निर्भय होकर रखते थे तो सामने बैठे लोग या आसन पर बैठे जज उनकी बातों को गौर से सुनते थे ।
उनके बहुत सारे केस ऐसे हैं जो इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गए । उन केस में इंदिरा गांधी हत्या, हर्षद मेहता स्टॉक घपला, केतन पारेख, एलके आडवाणी हवाला, 2G में कनिमोई का बचाव इत्यादि बहुत ऐसे केस हैं जो आने वाली पीढ़ी को उदाहरण स्वरूप दिया जाएगा ।
वह बहुत तेज दिमाग वकील थे जब वह किसी केस को लेकर कोर्ट में पहुंचते थे तो जज उनकी बात को बहुत ध्यान से सुनते थे जज को भी लगता था कि जेठमलानी केस लाए हैं तो जरूर उसमें कुछ बात होगी। जरूर कुछ उसमें नया होगा। 1988 में राम जेठमलानी सांसद बने थे 1996 अटल बिहारी वाजपेई सरकार में कानून मंत्री बने । राम जेठमलानी के निधन के पश्चात प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा आज भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित हस्ती को खो दिया जिसका योगदान अदालत और संसद दोनो में था । वह विलक्षण, साहसी और किसी भी विषय पर खुलकर बोलने से नहीं डरने वाले व्यक्ति थे।