छठ के दौरान सूप में चढ़ने वाले प्रसाद का हैं काफी महत्व, सेहत से जुड़ा हैं संबंध…
बिहार में छठ पूजा को लेकर प्रत्येक घर में रोनक दिखाई दे रहिन हैं महापर्व छठ को लेकर प्रशासन भी पूरी तैयारियां कर रखी थी। 31 अक्तूबर से नहाय- खाय के साथ शुरु होने वाले महान पर्व पर व्रतधारी लगातार 36 घंटे उपवास रख कर आज डूबते सुर्य को अर्ग दिये व्रत के दौरान वह पानी भी ग्रहण नहीं करते हैं वहीं मुस्लिम परिवार के पिन्तू भूईपरि करते हुये छठ घाठ तक गये। महान पर्व की महानतम को देखते हुये
व्रत के इस दौरान काफी कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। वहीँ इस दिन भिन्न भिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं और कई तरह के फल सूर्य देव को अर्पण किए जाते हैं। पूजा चढ़ने वाले प्रसाद ठेकुआ और फलों के पीछे एक बड़ा कारण है। आपको बता दें सूप में चढ़ने वाले प्रसाद का सेहत से संबंध है।
छठ में सूप में जो ठेकुआ चढ़ाया जाता है वह गुण से बनाया जाता है। इससे सर्दियों में बच्चों को गैस की समस्या नहीं होती है। इसी को देखते हुए कहते हैं कि ठेकुआ का हमारी सेहत से भी सम्बन्ध है।
बता दें इस पूजा में सूप, दउरा, टोकरी, पीतल सूप, आम लकड़ी और मिट्टी का चूल्हा भी पूजा में शामिल होने चाहिए। बता दें पूजा की शुरुआत नारियल फोड़कर की जाती है। छठ पूजा में भी पहले छठ मैया के सामने नारियल चढ़ाया जाता है और फिर यही प्रसाद के तौर पर भक्तों को बांट दिया जाता है। वही नगर पंचायत द्वारा सड़को की साफ सफाई नहीं कराई गई जिसके चलते छठ व्रती को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिसके चलते छठ वृतियों के पैर में काफी आकड़े चुभ रहे थे।