सुपौल में 25 साल पहले हुए गैंगरेप के एक मामले में पूर्व विधायक योगेंद्र सरदार सहित चार को कोर्ट ने आजीवन कारावास और विभिन्न धाराओं में एक -एक लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई है. एडीजी 3 रवि रंजन मिश्र की अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता की इस दलील को भी ठुकरा दिया जिसमें अधिवक्ता ने कहा आरोपी पुर्व विधायक सहित 4 आरोपी 25 साल से इस मुकदमे के बोझ को झेल रहे है .लेकिन कोर्ट ने इस दलील को ठुकराते हुए धारा 376,366 के तहत इस मामलें की अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुना दी .
वही विभिन्न धाराओं में एक-एक लाख का अर्थदंड भी राज्य सरकार के खजाने में जमा करने का निर्देश दिया है . 16 नवंबर 1994 की रात पीड़िता जब अपनी मां के साथ सोई हुई थी। इसी बीच पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, उमा सरदार और भूपेन्द्र यादव सहित दो-तीन अज्ञात मिलकर रात करीब 12 बजे पीड़िता के घर आए और लड़की का हाथ-मुंह बांधकर जीप से लेकर चले गए। आरोपियों ने एक कमरे में ले जाकर बारी-बारी से उसका रेप किया। दुष्कर्म के दौरान लड़की ने पूर्व विधायक को नाजुक अंग को काट लिया था। इ
बाद दुष्किर्मियों के चंगुल से भागकर किसी तरह अपने घर आई और परिजनों को आपबीती सुनाई .विधायक पर यह आरोप लगने के कारण 1994 में यहां मामला काफी सुर्खियों में आया था .उस समय की तत्कालीन सरकार ने पीङिता को सरकारी नौकरी भी दी थी .जिसकी वजह से कोर्ट ने अर्थदंड की राशि राज्य सरकार के खजाने में जमा करने का निर्देश दिया है .
प्रभास चंद्रा बिहार नाउ, सुपौल
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