पटना: मंगलवार को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ है। इसके बाद बिहार के 10 टॉपर की लिस्ट भी जारी हुई है। टॉपर्स की लिस्ट में बिहार के 10 मेधावी छात्रों के नाम देखकर बिहार और बिहार के लोग भले ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हो। लेकिन राजधानी पटना के इस कॉलेज में कदाचार की पराकाष्ठा देख कर शर्मिंदा होने को मजबूर हो जाएंगे। कल तक हम बिहार के ब्रेन का लोहा मनवा रहे थे। लेकिन स्नातक पार्ट 2 की परीक्षा के दौरान कदाचार की ऐसी तस्वीर देखकर बिहार की डिग्रियों पर भरोसा करना किसी के लिए भी मुश्किल हो जाएगा।
राजधानी पटना के कॉलेजों में इन दिनों स्नातक पार्ट 2 का परीक्षा जारी है। इसी बीच परीक्षा केंद्र पर मोबाइल और गेस पेपर के जरिए खुलेआम नकल का वीडियो सामने आया है। वायरल वीडियो में ये साफ तौर पर देखा जा सकता है की कॉलेज के अंदर किस प्रकार से कदाचार जारी है। परीक्षा के दौरान खुलेआम नकल का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। कदाचार के इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार की डिग्रियों का क्या महत्व बचा हुआ है।
नकल का वीडियो रामकृष्ण द्वारका कॉलेज का
मामला राजधानी पटना के कंकड़बाग रोड नंबर 20 के राम कृष्णा द्वारका कॉलेज का है। जहां स्नातक पार्ट 2 की परीक्षा चल रही है। इस दौरान परीक्षा के दौरान गेस पेपर के जरिए नकल का वीडियो परीक्षा के प्रथम पाली का बताया जा रहा है। जो पहली पाली की परीक्षा खत्म होने के बाद बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा रहा है कि परीक्षा देने पहुंचे छात्र जमीन पर बैठकर गेस पेपर और मोबाइल के जरिए उत्तर देख कर उसे उत्तर को उत्तर पुस्तिका में लिख रहे हैं।
उत्तर पुस्तिका लेकर घूमते नजर आए परीक्षार्थी
खुलेआम नकल की बेखौफ इजाजत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नकल कर रहे छात्र हाथ में उत्तर पुस्तिका लेकर परीक्षार्थी कॉलेज में घूमते नजर आ रहे हैं ।इस मामले पर द्वारका कॉलेज के प्राचार्य अरविंद कुमार का कहना है कॉलेज में स्नातक पार्ट 2 की परीक्षा चल रही थी। अचानक विभाग की ओर से अन्य परीक्षा के परीक्षार्थियों को भी उनके कॉलेज में भेज दिया गया। इस कारण यहां अनियमितता की स्थिति बन गई।
कॉलेज के प्राचार्य के पास नहीं था वाजिब जवाब
जब प्रिंसिपल से कॉलेज में उत्पन्न हुई अराजकता की स्थिति के अलावा गैस पेपर और मोबाइल की लाइट में उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मौन धारण कर लिया। अब बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जब राजधानी पटना में परीक्षा सेंटरों की यह स्थिति है। जहां बच्चे बेखौफ खुलेआम नकल करते हुए देखे जा रहे हैं। ऐसे में बिहार की डिग्री का महत्व अन्य राज्यों में कितना होगा? इन तस्वीरों के बाद भी कॉलेज प्रशासन अपनी गुणवत्ता सुधारने की बजाए बच्चों के सिलेक्शन ना होने पर गरीब राज्य और गरीबी का रोना रोते नजर आते हैं ..