जेल से रिहा होने के बाद पहली बार शिवहर संसदीय क्षेत्र के पताही पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन एक बार फिर अपने पुराने तेवर के नजर आए, इस दौरान नाम ना लेते हुए बीजेपी पर खूब हमलावर दिखे, एक एक भाषण में बीजेपी को रडार पर रखा,
वही नीतीश कुमार की तारीफ किया और लालू से दोस्ती को बात कही, किसी का नाम न लेते हुए कहा की कुत्ता बधिया करना है, जब कुत्ता बधिया करने चले है तो 14 सुई पेट में लेनी होगी, हम तैयार है इसके लिए, आज तक हमने किसी से लड़ा नहीं है, लेकिन जिसने भी हम से लड़ा उसे छोरे भी नहीं है। हम से कोई क्या साजिश करेगा, 17 वर्ष की उम्र में ही हमने साजिश से दोस्ती कर लिया, उक्त बाते पताही के हाई स्कूल के मैदान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा वही 23 नवंबर को पटना आने का नेवता दिया,
रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने फ्रेंड्स ऑफ आनंद के बैनर तले इस कार्यक्रम का आयोजित किया था। जिसे शिवहर विधायक चेतन आनंद,एमएलसी महेश्वर सिंह,पूर्व मंत्री दशई चौधरी,पूर्व सांसद लवली आनंद,पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव और फ्रेंड्स ऑफ आनंद के सुभाष सिंह सहित कई लोगों ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पहली बार अपने दोनो बेटा और पत्नी के साथ जैसे ही मोतिहारी के सीमा में प्रवेश किया वैसे ही जगह जगह लोगो ने भव्य स्वागत किया
, जिला मुख्यालय मोतिहारी पहुंचने के बाद आनंद मोहन ने गांधी स्मारक में पुष्प अर्पित किया, उसके बाद आनंद मोहन का काफिला पताही पहुंचा। पताही हाईस्कूल के मैदान में आयोजित सभा में पहुंचे।जहां आनंद मोहन खूब गरजे। बिना नाम लिए गृहमंत्री अमित शाह और बसपा सुप्रीमों पर आनंद मोहन जमकर बरसे।वहीं प्रेस मीडिया को भी नसीहत दी।
जेल से रिहा होने के मामले पर सवाल उठाने वालों को आनंद मोहन ने खूब खरी खोटी सुनाई और विरोधियों को खुले मंच से चैलेंज देते हुए कहा कि जो डर गया,समझो वह मर गया। लेकिन उन लोगों ने बहुत गलत नंबर डायल कर दिया है। जिसका जबाब आगामी 23 नवंबर को मिलेगा। पटना को पाट नहीं दिया तो मेरा नाम भी आनंद मोहन नहीं
आनंद मोहन ने कहा कि लालू यादव से हम लड़े। हम वो लोग हैं। जिससे हम लड़ते हैं।तो ताल ठोककर लड़ते हैं। और गले मिलते हैं। तो हृदय उड़ेल देते हैं। लालू यादव ने तो माफी दे दी। लेकिन तुम माफ नहीं कर पाए। क्यों माफ नहीं किए। सवाल तो पूछूंगा। लेकिन इतिहास माफ नहीं करेगा। साथ नहीं देना है,मत दो।
आनंद मोहन किसी से डरने वाला नहीं है। एक मित्र ने कहा कि आनंद मोहन से कोई सहानुभूति नहीं है। उसी के शब्द को उसके शीर्ष पर बैठे नेता ने कहा कि आनंद मोहन से मेरी कोई सहानुभूति नहीं है। भाई मैंने अर्जी तो नहीं लगायी थी। आवेदन तो नहीं दिया था कि मुझसे सहानुभूति रखो। वो कहते हैं।
हमारे सैकड़ों एमपी हैं। हमारे हजारो विधायक हैं और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन आप हमारे ठेंगा पर हैं।दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली पार्टी का शीर्ष नेता 16 साल से जेल में बंद व्यक्ति से डर जाए। उसे चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
विवेक, मोतिहारी