नहाय-खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। बेगूसराय के सिमरिया गंगा के घाटों पर सुबह से ही व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। व्रतियों ने गंगा में स्नान किया। नए कपड़े पहनकर भगवान सूर्य की पूजा की…
महापर्व के पहले दिन भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं होता है। इस दिन लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल बनती है। जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
मन, वचन, पेट और आत्मा की शुद्धि के लिए छठ व्रतियों के पूरे परिवार के साथ कद्दू-भात खाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है… 6 नवंबर को करना , संध्या अर्घ्य 7 नवंबर को और 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य के साथ छठ महापर्व की समाप्ति है….