मकर संक्रांति के दिन बिहार में दही-चूड़ा के भोज का आयोजन बड़े पैमाने पर लगभग सभी सियासी पार्टियां करती है …और इस मौके पर भोज के जरिए एक सियासी संदेश देने की कवायद के साथ साथ कई सियासी खिचड़ियां भी पकती है .. इसलिए मकर संक्रांति के मौके पर सियासी पार्टियों की ओर से आयोजित भोज पर सबकी निगाहें टिकी होती है … खासकर लालू प्रसाद यादव के दही-चूड़ा भोज पर…
लालू यादव के आवास पर आयोजित मकर संक्रांति के भोज से एक सियासी तस्वीरें सामने आई है,जो फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है .. लालू यादव से रात के अंधेरे में अचानक अपने भतीजे चिराग पासवान और केंद्रीय नेतृत्व से खफा पशुपति पारस अपने भतीजे प्रिंस राज के साथ लालू आवास मिलने पहुंचे हैं … जिसके बाद सियासी फिजाओं में कई तरहों की चर्चाएं शुरू हो गई है .. हालांकि तेजस्वी यादव ने इस भेंट को परिवारिक रिश्ता करार दिया है …
वहीं नीतीश कुमार आज सुबह में ही खेला कर दिए हैं .. नीतीश कुमार चिराग पासवान के आयोजित भोज में पहुंचे लेकिन चिराग़ पासवान को मौके से नदारद देख, नीतीश कुमार बैरंग लौट गए, जिसके बाद सियासी तापमान बढ़ गया …
इन तमाम सियासी हलचलों के बीच लालू यादव की बेटी व सांसद मीसा भारती ने सियासी खेला के कयासों को और हवा दे दी… मीसा भारती ने बयान देते हुए कहा कि नीतीश कुमार हमारे अभिभावक हैं, और लालू जी के मित्र हैं,ऐसे में उनको बुलाने की जरूरत नहीं है, उनके लिए हमेशा दरवाजा खुला हुआ है साथ आरजेडी का दरवाजा सभों के लिए खुला होता है …
इन तमाम सियासी हलचलों के बीच लालू यादव और पशुपति पारस की मुलाकात ने सर्द हवाओं के साथ सियासी तापमान को बढ़ा दिया है … कयासों का दौर जारी है …देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति में क्या वाकई कुछ बड़ा होने वाला है या सिर्फ ये प्रेशर पॉलिटिक्स का रुप या राजनीतिक रुप से टटोलने की कवायद मात्र है ..