पाकिस्तान पर प्रहार तो समझ में आता है लेकिन कोई देश के भीतर प्रहार कैसे कर सकता है, लेकिन ऐसा हो रहा है. पुलवामा हमले के बाद उठे राष्ट्रवाद की जितनी धाराएं बही हैं. उनमें से कइयों ने भारत के लोकतांत्रिक विचार को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसलिए कश्मीर से बाहर रहने वाले कश्मीरी दहशत में हैं. बुधवार रात महाराष्ट्र के यवतमाल में चार छात्रों को पीटा गया है. इस हमले का आरोप शिवसेना की युवा सेना पर लगा. अब युवा सेना ने सफाई दी. उसका कहना है कि अगर पिटाई करने वाले कार्यकर्ता उसके होंगे तो कार्रवाई की जाएगी.
भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री देश के हालात के बारे में शायद वाकिफ नहीं रहे होंगे, लेकिन महाराष्ट्र तो उनका अपना सूबा है. यवतमाल से आई हुई तस्वीरें राष्ट्रवाद के नाम पर नफरत की बहाई जा रही हवा की मुनादी पीट रहे हैं. यहां छात्र कश्मीर के अलग अलग इलाकों से तालीम लेने आए हैं. बारूद की दुनिया से भागकर, लेकिन पुलवामा की घटना के बाद मुश्कें चढ़ाकर घूम रहे युवा सेना के कायरों ने उन्हें कौम और कश्मीर के नाम पर घसीट लिया. दयाभाई पाटिल बीपीएड कॉलेज में पढ़ने वाले चार कश्मीरी छात्र वाघापुर इलाके में रहते हैं. युवा सेना के कार्यकर्ताओं को इसका पता चला तो उन्हें घर के रास्ते में घेर लिया और पीटने लगे.