गृह मंत्रालय ने बुधवार को देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुये प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं अन्य लोगों के आवागमन को लेकर दिशा-निर्देशों में छूट दिए की अधिसूचना जारी की। तमाम राज्य सरकारों ने केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हुए अपने-अपने राज्यों के नागरिकों को लाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। यूपी और मध्य प्रदेश सरकार तो पहले की कई नागरिकों की वापसी करा चुकी है।
केंद्र के इस आदेश के बाद बिहार में जन अधिकार पार्टी के नेता और मधेपुरा से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कोटा में फंसे बिहार के छात्रों के लिए 30 बसों का इंतजाम कर दिया है। इसकी जानकारी खुद उन्होंने ट्वीट कर दी। पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने को प्रतिबद्ध हूं। कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बस लगवा दी हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं।’
इससे पहले गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को बुधवार को कुछ शर्तों के साथ उनके गंतव्यों तक जाने की अनुमति दे दी गयी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है।
मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे। गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे।
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