रिपोर्ट :- मिथिलेश कुमार बिहार नाउ रोहतास
स्वास्थ्य में सुधार के लाख दावा बिहार सरकार कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिलती है ताजा मामला रोहतास जिले के करगहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर मानवता के शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है।
जहां एक प्रसूता की हीमोग्लोबिन की कमी होने के कारण डाक्टर के द्वारा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन परिवार के सदस्यों के नहीं रहने के कारण प्रसुता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है। इसके बाद उक्त महिला ने अस्पताल के बाहर एक पेड़ के नीचे चली गई जहां उसे प्रसव हो गया जहां प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई है। बताया जाता है
कि सिरसिया गाँव के एक महादलित महिला प्रसव के लिए करगहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। लेकिन शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने के कारण अस्पताल से डॉक्टर के द्वारा उसे सासाराम के सदर अस्पताल रेफर किया गया था। लेकिन वह सदर अस्पताल न जाकर वह पेड़ के नीचे बैठ गई। महिला के पति का कहना है कि वह पैसे के लिए गाँव में गया था।
इसी दौरान अस्पताल प्रशासन के द्वारा अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। जहां पेड़ के नीचे ही महिला का प्रसव हो गया। जहां ईलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई। वहीं बच्चे की मौत के बाद पति के द्वारा अपनी पत्नी एवं मृत बच्चे को ठेले पर उठाकर अपने घर ले जाया गया।
वही इस मामले में करगहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर एवं अस्पताल में कार्यरत आशा कार्यकर्ता ने बताया कि पीड़ित महिला को सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था।
लेकिन अस्पताल के बाहर जाकर वह बैठ गई जहां उसका प्रसव हो गया था। अस्पताल प्रबंधन उसके परिजनों द्वारा एंबुलेंस की मांग नहीं की गई अगर पीड़िता के परिजन द्वारा एंबुलेंस की मांग की गई होती तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसे एंबुलेंस उपलब्ध करा दिया जाता है। पीड़ित महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किया गया था ना कि उसे भगा दिया गया था। उनके परिजनों द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है।