दरअसल, कार्यवाही में 21 विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया जिससे सदन की संख्या घटकर 204 रह गई। मंगलवार शाम जिस वक्त विश्वास मत पर वोटिंग हो रही थी, उस समय कांग्रेस-जेडीएस के 17, बीएसपी के एक, 2 निर्दलीय के विधायक सदन में नहीं आए। इस तरह 103 का जादुई आंकड़ा नहीं जुट पाया। विश्वास मत प्रस्ताव में सरकार गिरने के बाद एचडी कुमारस्वामी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को गवर्नर ने स्वीकार भी कर लिया है। जल्द ही सूबे के गवर्नर वजुभाई वाला बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार गठन का न्योता दे सकते हैं।
विधायकों को खड़ा कर की गई गिनती
इससे पहले स्पीकर रमेश कुमार ने विधायकों को खड़ाकर सत्ता और विपक्ष के नंबरों की गिनती की। स्पीकर ने विधानसभा में हर पंक्ति को अलग-अलग खड़ा कर अधिकारियों से विधायकों की गिनती कराई। अधिकारियों ने पहले सत्ता पक्ष के सदस्यों की गिनती की और फिर उसके बाद विपक्षी विधायकों को गिना गया। संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सदन में विधायकों की गिनती फिजिकली की गई है।
बता दें कि 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद भी कांग्रेस और जेडीएस दोनों पार्टियां सरकार को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही थीं। बीते कई दिनों से दोनों दल विश्वास मत प्रस्ताव को टालने की कोशिश में थे, आखिरकार मंगलवार को वोटिंग हुई और कुमारस्वामी की सरकार का यह आखिरी दिन साबित हुआ। विश्वास मत पर वोटिंग से पहले एचडी कुमारस्वामी ने भावुक भाषण देते हुए कहा कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में नहीं आना चाहता था, लेकिन किस्मत मुझे यहां ले आई। उनके भावुक संबोधन को ही विदाई भाषण माना गया। उन्होंने कहा, ‘मैं बेहद संवेदनशील और भावुक व्यक्ति हूं। मैंने जब अपने खिलाफ रिपोर्ट्स देखीं तो सोचा कि क्या मुझे इस सब के बाद भी सीएम पद पर बने रहना चाहिए। मैं बेहद आहत हूं और पद त्यागने के लिए तैयार हूं।’