दरभंगा में मंदिर को लेकर विवाद का एक मामला सामने आया है .. दरभंगा के शुभंकरपुर स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर में फर्जी ISKCON संचालित करने का मामला प्रकाश में आया है …
दरअसल, दरभंगा के शुभंकरपुर ड्योढ़ी स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक व न्यायालय की ओर से श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर न्यास के लिए नियुक्त व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का दावा है कि ये मंदिर उनके पूर्वज का है, जिसका उनके पास कागजी सबूत मौजूद हैं और इसी आधार पर उनको प्रांगण स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक की भी जिम्मेदारी प्राप्त है….
मंदिर के मालिक व व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का कहना है कि इस मालिकाना के आधार पर हमने बलदेव कृष्ण मंदिर की देखभाल के लिए 2021 दो पुजारियों को इस मंदिर में सनातन धर्म के मुताबिक, पूजा पाठ और मंदिर की देखभाल के लिए नियुक्त किया था… लेकिन अचानक पिछले कुछ महीनों से सनातन धर्म का पालन इस मंदिर में पुजारियों की ओर से न किए जाने को लेकर हमने दोनों पुजारियों को डिस्मिस कर दिया ….
श्री श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर के मालिक व व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह ने बताया कि दोनों पुजारियों ने मंदिर को असमाजिक तत्वों का अखाड़ा बना दिया,जिसके बाद हमने फैसला लेते हुए दोनों पुजारियों को मंदिर से लिखित निष्कासित करते हुए विदा कर दिया … दोनों पुजारी एक के बाद एक तो निष्कासन करते ही मंदिर छोड़ चले गए, लेकिन दूसरे एक व्यक्ति जो खुद को इस्कॉन का बताता है, वो शख्स इस मंदिर पर अवैध तरीके से ISKCON के नाम पर दावेदारी पेश करते हुए गलत उगाही व कार्यमुक्त करने के बावजूद मंदिर छोड़ने के लिए अवैध रुप से तैयार नहीं है …
श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर के मालिक व व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह ने कहा कि हमारे और पुजारियों के बीच हुए तमाम डील , नियुक्ति पत्र और निष्काषन की कागजात मौजूद हैं … बावजूद मंदिर पर अवैध तरीके से मौजूदा पुजारी कब्जा जमाना चाहते हैं …श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर न्यास का ISKCON संस्था से न कोई मतलब है और न कोई सरोकार था…
वहीं, मंदिर में मौजूद कथित पुजारी पर फर्जी तरीके से इस्कॉन संचालित करने का आरोप मंदिर व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह ने लगाया है…
वहीं कथित इस्कॉन के पुजारी ने मीडिया के साथ अपने ठोस पक्ष रखने के बजाय सिर्फ कोर्ट का हवाला देते हुए मामले को टालते हुए दिखाई दिए …. मीडिया ने जब निष्कासित पुजारी को कागजात दिखाने को कहा, तो पुजारी ने कागजात दिखाने और मजबूत पक्ष रखने के बजाय सिर्फ कोर्ट का हवाला दिए.. निष्कासित पुजारी के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके पास कोई ठोस कागजात नहीं हैं और वो अवैध तरीके से मंदिर पर कब्जा जमाना चाहते हैं ….
सुभाष शर्मा, बिहार नाउ, दरभंगा