बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद नई सरकार के गठन के साथ ही सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है … जहां एक तरफ NDA का दामन थामते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री सहित तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की , तो वहीं दूसरी ओर बिहार की सियासत में जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है …
नई सरकार के गठन के साथ ही नीतीश-बीजेपी सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है… आंकड़ों के खेल में खेला होने का दावा आरजेडी पार्टी की ओर से की जा रही है …
वहीं आरजेडी के दावों के बाद बीजेपी, जेडीयू खेमे में हड़कंप मच गया है .. कांग्रेस पार्टी टूट की डर से अपने विधायकों को हैदराबाद में शिफ्ट कर दी है … लेकिन अब मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए बीजेपी को भी टूट का डर सताने लगा है …ऐसे में बीजेपी पार्टी भी 11 तारीख तक अपने तमाम 78 विधायकों को पटना से बाहर ले जाने की रणनीति बना रही है … विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, तमाम विधायकों को पटना से बाहर बोध गया लेने जाने की तैयारी चल रही है
वहीं जेडीयू भी अपने तमाम विधायकों को रविवार शाम को विजय चौधरी के आवास पर आयोजित विधानमंडल की बैठक के बहाने एकत्रित करने की पहल की है…
बता दें कि बिहार में बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अपने पद इस्तीफा न देने का ऐलान करते हुए संवैधानिक तरीके से सत्र को सुचारू रूप से चलाने की बातें कहीं है और इसी बीच आरजेडी विधायक का सरकार गिराने का बड़ा दावा ने सियासी भूचाल ला दिया है …
सबसे बड़ा सवाल कि क्या वाकई 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दौरान बड़ा खेला होगा ?…..