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फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में कम से कम एक बार सभी लोगों को‌ करना चाहिए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन…

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बेगूसराय : जिला भर में शुक्रवार से शुरू हुई सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम आईडीए राउंड के दौरान लगभग 34 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा। उक्त आशय कि जानकारी शुक्रवार को सीफार के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार ने दी ।

उन्होंने बताया कि आज से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम आईडीए राउंड अगले 17 दिनों तक चलेगा जिसके पहले तीन दिन तक स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों और शिक्षकों को फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवरमैक्टीन का सेवन कराया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि जिला इस बार तीन प्रकार कि दवाओं का सेवन कराया जाना है इसमें से डीईसी कि दवा उम्र के अनुसार और आवरमैक्टीन कि दवा लंबाई के अनुसार खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया कि बीमारी एक विशेष प्रकार के संक्रमित मच्छर क्यूलेक्स के काटने से होने वाली बीमारी है जिसमें वुचेरियाई बैंक्रोफ्टाई पारासाईट कि वजह से व्यक्ति का लिम्फेटिक सिस्टम प्रभावित होता है।

इसकी वजह से व्यक्ति पांव, हाईड्रॉसिल, हाथ और महिलाओं के स्तन में अत्यधिक सूजन हो जाता है। इसमें से सबसे ज्यादा व्यक्ति हाथीपांव का शिकार होकर जीवन भर के लिए एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हो जाता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति नियमित रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें और साल में कम से कम एक बार एमडीए/ आईडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी का दवाओं का सेवन करें।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया कि दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं है बावजूद इसके खाली पेट इस दवा का सेवन नहीं करना है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में पहले से माइक्रो फाइलेरिया रहता है तो उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया कि दवा खाने के बाद उल्टी, बुखार, सिरदर्द जैसे कुछ एडवर्स रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं। लेकिन इससे कभी घबराने कि आवश्यकता नहीं है कुछ समय के बाद यह लक्षण अपने आप ठीक हो जाता है।

इसके बावजूद किसी को कोई परेशानी हो तो वो आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से तत्काल इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाए ताकि समय पर उपचार संभव हो सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन भी किया गया है जो किसी भी तरह कि परेशानी होने पर उससे निपट सकते हैं।

इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष रंजन झा, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी संजीव कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार कुश कुमार, डेवलपमेंट पार्टनर डब्ल्यूएचओ के जिला प्रतिनिधि कुमार मौसम, पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि दीपक मिश्रा, पीसीआई के जिला प्रतिनिधि मारुति नंदन, सीफार के प्रमंडलीय समन्वयक श्याम त्रिपुरारी, जय प्रकाश कुमार, प्रिंट,इलेक्ट्रोनिक और वेब मीडिया के पत्रकार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष रंजन झा ने बताया कि पिछले दिनों जिला में करवाएं गए नाइट ब्लड सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिला का माइक्रो फाइलेरिया रेट 1.83% पाया गया है। जिला का माइक्रो फाइलेरिया रेट 1% से अधिक आने कि वजह से जिला के सभी 18 प्रखंड में दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया कि दवा का सेवन कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिला भर कि कुल 33,24,600 योग्य लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने के लिए जिला भर में कुल 33,24,600 टैबलेट्स अल्बेंडाजोल, 83,11,505 टैबलेट्स डीईसी और 83,11,505 टैबलेट्स आईवरमैक्टीन कि आपूर्ति की गई है।

उन्होंने बताया कि आईडीए राउंड के सफल संचालन के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है इसके अन्तर्गत जिला भर में कुल 1478 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 146 सुपर वाइजर को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवरमैक्टीन कि दवा नहीं खिलानी है। इसके ऊपर के बच्चों सहित अन्य लोगों को लंबाई के अनुसार दवा का डोज दिया जायेगा।

90 से 119 सेमी के बच्चों को 1 गोली, 120 से 140 सेमी के बच्चों को 2 गोली, 141 से 158 सेमी के लोगों को 3 गोली और 158 सेमी से ऊपर के सभी लोगों को 4 टैबलेट्स आईवर मैक्टीन कि खिलाई जाएगी। इसके अलावा डीईसी कि दवा 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 2 गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को 3 गोली डीईसी खिलाई जाएगी। इसके साथ- साथ सभी लोगों को अल्बेंडाजोल कि एक टैबलेट खिलाई जानी है।

उन्होंने बताया कि जिला में अभी फाइलेरिया के कुल 5369 मरीज हैं जिसमें से हाथी पांव के 4925 और हाइड्रोसिल के 444 मरीज हैं। उन्होंने बताया कि आईडीए राउंड के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलानी है।

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