बिहार में नई सरकार गठन के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर कयासों का बाजार गर्म था लेकिन आज चंद मिनटों के बाद नीतीश सरकार की कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है … कैबिनेट विस्तार में जेडीयू ने अपने पुराने चेहरे को ही मंत्री बनाने का फैसला कर लिया, वहीं बीजेपी आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव को देखते हुए कई नए चेहरे जाति के आधार पर प्रोजेक्ट करने जा रही है …
आगामी चुनाव को देखते हुए जेडीयू-बीजेपी ने जाति कार्ड का खेल खेला है… कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने वाले नए मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण का खास ख्याल रखा गया है…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत गठबंधन से 9 मंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं और आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में विभिन्न दलों के कुल 21 नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ लेने वाले 21 मंत्रियों में 6 सवर्ण, 6 दलित (SC), 4 अति पिछड़ा (EBC), 4 पिछड़ा (BC) और एक मुस्लिम चेहरा शामिल है…
बीजेपी कोटे से मंत्री पद की शपथ लेने वाली रेणु देवी (नोनिया) अति पिछड़ा, मंगल पांडेय (ब्राम्हण) सवर्ण, नीतीश मिश्रा (ब्राम्हण) सवर्ण, नीरज कुमार बबलू (राजपूत) सवर्ण, नितीन नवीन (कायस्थ) सवर्ण, दिलीप जायसवाल (वैश्य) पिछड़ा, संतोष सिंह (राजपूत) सवर्ण, जनक राम (चमार) दलित, केदार प्रसाद गुप्ता (वैश्य) पिछड़ा, हरी सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और कृष्णनंदन पासवान (पासवान) दलित समाज के हैं..//
वहीं जेडीयू कोटे से जो मंत्री शपथ लेने वाले हैं उनमें अशोक चौधरी (पासी) दलित, लेसी सिंह (राजपूत) सवर्ण, महेश्वर हजारी (पासवान) दलित, जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा, सुनील कुमार (चमार) दलित, जमा खान (पठान) सवर्ण मुस्लिम, शीला मंडल (धानुक) अति पिछड़ा, रत्नेश सदा (मुसहर) दलित, मदन सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और सुरेन्द्र मेहता (कुशवाहा) पिछड़ा समाज से आते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में बीजेपी और जेडीयू दोनों ने ही जातीय समीकरण का ख्याल रखा है और हर जाति को सरकार में हिस्सेदारी देने की कोशिश की गई है…