राजीव रंजन
डीएम के विरुद्ध धरना पर बैठे आक्रोशित स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि. राजद विधायक चंद्रसाहस चौपाल ने की तत्काल मनोरंजन के साधन को चालू करने की मांग:
मधेपुरा डीएम विजय प्रकाश मीना ने दिया आस्था से जुड़े होने का हवाला,जिस कारण मनोरंजन के साधन थियेटर और मौत कुंआ पर लगी रोक:
मधेपुरा में डीएम के तुगलक्की फरमान के बाद अब सिंघेश्वर मेला की रौनक पर लगा ग्रहण, मेले से गायब लोग दुकानदारों को सता रहीं है चिंता कैसे होगा महंगी किराया का भुगतान.वहीं दुकानदार समेत आक्रोशित राजद विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि कर रहे हैं जिला प्रशासन के विरुद्ध धरना प्रदर्शन . बता दें कि स्थानीय राजद विधायक सहित सभी दलों के जनप्रतिनिधि बापू प्रतिमा के सामने धरना पर बैठ गए हैं और मधेपुरा डीएम विजय प्रकाश के खिलाफ मोर्चा भी खोल रखे हैं धरना प्रदर्शन कर रहे जनप्रतिनिधियों की माने तो सैकड़ों वर्षों से उतर बिहार के प्रसिद्ध सृंगी ऋषि मुनि की तपोभूमि सिंहेश्वर में महाशिवरात्रि के अवसर पर एक माह तक चलने वाले मेले में झूला सर्कस, थियेटर और मौत कुंआ मनोरंजन के प्रमुख साधन का केंद्र था जिससे बिहार हीं नहीं परोसी देश नेपाल आदि प्रांतो से श्रद्धालूओं का जमावड़ा लगता था और स्थानीय व दूरदराज से आए दुकानदार समेत विभिन्न मनोरंजन के कलाकारों की रोजिरोजगार का एक केंद्र माना जाता था लेकिन इस वर्ष अचानक मधेपुरा डीएम ने मेला उद्घाटन से एक दिन पूर्व मनोरंजन के साधन थियेटर और मौत कुंआ आदि साधन पर रोक लगा दी जिससे खासकर स्थानीय दुकानदारों को चिंता सता रही है.वहीं स्थानीय राजद विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा है कि जिला प्रशासन ने एक साजिश के तहत इस मेला को बर्बाद करने का प्लान बनाया है और इसलिए सभी जनप्रतिनिधि को इससे दूर रखा गया है,इतना हीं नहीं मेला उद्घाटन में भी स्थानीय किसी भी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण नहीं दिया जिससे स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी आग बबूला हो गए है और सभी लोग लोकतांत्रिक तरीके से मेला ग्राउंड में बापू को साक्षी मानकर धरना पर बैठे हैं . जब तक बातो पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब तक लगातार धरना प्रदर्शन जारी हीं रहेगा. ज्ञात हो कि डीएम साहब के एक तुगलकी फरमान के बाद सिंघेश्वर मेला की रौनक हीं गायब हो गई है . मेला उद्घाटन से एक दिन पूर्व डीएम साहब ने थिएटर और मौत के कुआं को बंद करने का मौखिक आदेश जारी कर दिया जिसके बाद थिएटर और मौत का कुआं बंद हो गया है जिससे नाराज स्थानीय लोग समेत जनप्रतिनिधियों ने मजबूरन लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन का सहारा ले लिया.खासकर स्थानीय राजद विधायक ने कहा की जब तक हम जनप्रतिनिधियों की मांग मान नहीं ली जाती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी हीं रहेगा.