मौका था डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा को राजकीय सम्मान देने का , लेकिन सलामी देने के वक्त जो कुछ हुआ उसकी अपेक्षा शायद किसी को नहीं रही होगी…
राजकीय सम्मान के साथ हो रहे अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर देने आये पुलिस जवानों की रायफल से गोली ही नहीं चली। पुलिस के 22 में से 22 यानि सारे रायफल फुस्स हो गये. ये वाकया तब हुआ जब नीतीश कुमार खुद वहां मौजूद थे।
राज्य सरकार ने पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ करने का फैसला लिया था।
सुपौल के बलुवा में डॉ मिश्र के पैतृक गांव में आज दोपहर अंतिम संस्कार की रस्म हो रही थी। वहां सीएम भी मौजूद थे। इसी दौरान पुलिस जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर देना था। राजकीय संस्कार के दौरान पुलिस जवान फायरिंग कर आखिरी सलामी देते हैं। पुलिस के 22 जवान रायफल लेकर तैयार थे, लेकिन जैसे ही गोली चलाने की बारी आयी सारे रायफल फुस्स निकल गये। एक भी रायफल से गोली ही नहीं चली. वहां मौजूद नीतीश कुमार भी ये नजारा देखकर हैरान रह गये।
डॉ मिश्र के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद ने इसे डॉ मिश्र के साथ साथ पूरे बिहार का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिय…
बता दें कि डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा का पैतृक गांव बलिया सुपौल सीमावर्ती इलाका है नेपाल और चीन दोनों की सीमा है यह इलाका..इसके बावजूद पुलिस की ऐसी व्यवस्था वाकई पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है , वह भी सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर…
राजीब झा /प्रभाष चंद्रा , बिहार नाउ, सुपौल .