बिहार सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन के दौरान मांसाहार भोजन खाने पर कोई रोक नहीं है। पशुपालन विभाग ने साफ़ कर दिया है कि मांस, मछली, मटन हो या अण्डा इसका सेवन करिए। विभाग के सचिव एन.सरवण ने कहा कि कोरोना और बर्ड फ्लू को लेकर डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।
बिहार के पशुपालन सचिव एन सरवण ने आज बताया कि कृषि और पशुपालन क्षेत्र लॉकडाउन से बाहर रहेंगें. मांस-मछली की दुकानें खुली रहेंगी। पशुओं के चारा और कृषि से जुड़े हुए सामग्री के लाने ले जाने पर रोक नहीं रहेगी। कोरोना वायरस का संक्रमण मांस मछलियों से जुड़ा हुआ नहीं है। पशुपालन सचिव ने बताया कि भारतीय पॉल्ट्री अभी खाने के लिए सुरक्षित हैं ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान मांस मछली खाने में कोरोंना संक्रमण का कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण की रिपोर्ट है कि 100 डिग्री के ऊपर खाना बनाने पर कोई भी वायरस बैक्टीरिया नहीं जिंदा रह पाता। 70 डिग्री पर ही सभी वायरस और बैक्टीरिया मर जाते हैं। सरवन ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप पर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं खाल कर मांस मछलियों को कोरोना से जोड़कर वो गलत है।
पशुपालन सचिव ने बताया कि सुधा के दूध सहित तमाम सामग्री की दुकानें अब रात आठ बजे तक खुली रहेंगी। इसके साथ ही मांस-मछली का दुकानें भी खुली रहेंगी लेकिन सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करना होगा।