पटनावासियों को नए पुल की सौगात मिल गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार यानी आज बिहार के सबसे लंबे एम्स-दीघा एलिवेटेड पथ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही इस पथ पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा।
इस पुल पर सफर करने में महज 8 मिनट का समय लगेगा और 12.5 किलोमीटर का सफर खत्म हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस पुल के उद्धाटन से राजधानीवासियों का चिर-प्रतीक्षित सपना पूरा हो गया। यह राज्य की जनता के लिए नई सरकार का पहला उपहार है।
इसके शुरू होने से जेपी सेतु के तरफ जाने वाले वाहनों को उत्तर बिहार जाने में सहूलियत होगी। वहीं उत्तर बिहार से पटना, बिहटा, एम्स या अरवल, औरंगाबाद जाने के लिए आसानी हो जाएगी। इससे पटना सहित उत्तर बिहार की यात्रा सुगम होगी। उत्तर बिहार के लोगों को दक्षिण बिहार और एम्स पहुंचने में ज्यादा लंबी दूरी तय नहीं करनी होगी। वहीं, बिहार राज्य पथ विकास निगम (बीएसआरडीसी) के एमडी संजय अग्रवाल ने बताया कि यह बिहार का सबसे लम्बा ऐलिवेटेड पथ होगा।
ये बिहार का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर है। बेली रोड नहर फ्लाईओवर के ऊपर से ये पुल गुजरा है। 12 किमी लंबे पुल पर कोई भी यू-टर्न नहीं है। इस पुलस से हाजीपुर, छपरा, बख्तियारपुर आना-जाना आसान होगा। साथ ही पटना के यूपी के गाजीपुर तक जाना आसान होगा। साथ ही गांधी सेतु पर बड़ी गाड़ियों का दबाव भी कम होगा।
जानकारी के मुताबिक 1289.25 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 12.27 किलोमीटर लम्बा यह पथ बिहार का सबसे लंबा एलिवेटेड पथ है। पटना-दिल्ली रेललाइन के ऊपर 106 मीटर लंबा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना है। नेहरू पथ पर पूर्व से निर्मित आरओबी के कारण एलिवेटेड पथ की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है, जिसका निर्माण अपने आप में काफी चुनौतीपूर्ण था। उसे भी सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। यह पथ व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी लाभप्रद होगा। इसके अलावा राजधानी की सड़कों पर दबाव भी कम होगा और लोगों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी।