800 करोड़ की सृजन घोटाले पर सीबीआई जांच तो 1700 करोड़ के प्राक्कलन घोटाले पर जांच से क्यों भाग रही सरकार- विजय सिन्हा
सरकार के तकनीकी विषेषज्ञ जांच के प्रति जिम्मेदार नहीं वसूली के प्रति वफादार- विजय सिन्हा
भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने 800 करोड़ के सृजन घोटाले का मामला जब सीबीआई को सौंप सकते है तो उसके दोगुना से भी अधिक राशि के घोटाले को सीबीआई को सौंपने से क्यों कतरा रहे हैं।
सिन्हा ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आता है तब-तब यह सरकार बड़ी-बड़ी योजनाओं के माध्यम से प्राक्कलन घोटाले को अंजाम देती है।
सिन्हा ने कहा कि इसी तरह प्राक्कलन घोटाले के लिए 2014 में चुनाव के समय अगुवानी घाट-सुल्तागंज पुल निर्माण हेतु स्वीकृति मिली थी। इसका क्या हश्र हुआ है बिहार की जनता देख रही है।
सिन्हा ने कहा कि हम खुली चुनौती देते है यदि मुख्यमंत्री जी पाक साफ है तो 1700 करोड़ की लागत से बन रही अगुवानी घाट-सुल्तागंज पुल की जांच सीबीई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज के माध्यम से कराये तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
सिन्हा ने कहा कि नीतीश सरकार प्राक्कल घोटाले के लिए ऐसी सैकड़ों योजनाओं को चुनाव के समय स्वीकृति देती है।
श्री सिन्हा ने कहा कि जब तेजस्वी जी सरकार में नहीं थें तब नल-जल योजना को नल-धन योजना बताया था और 70 बड़ी घोटालों को गिनाकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थें और अब जब सरकार में है तो लगता है कि वे इन सब बातों को भूलकर अपनी हिस्सेदारी तय कर लिए हैं।
सिन्हा ने कहा कि तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी जी ने बयान दिया था कि राजद के विधायक राम प्रकाश महतो ने 21 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री को नल-जल योजना में घोटाले का सबूत भी दिया था, बिहार की जनता पूछ रही है कि जब तेजस्वी जी सरकार में आये तो उस सबूत का क्या हुआ, इसका जवाब जरूर तेजस्वी जी को देना चाहिए।
भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार को बिहार के विकास में कोई दिलचस्पी नही है। चाचा-भतीजा की सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से पथ निर्माण, भवन, ग्रामीण कार्य, स्वास्थ्य एवं नगर विकास सहित कई वर्क डिपार्टमेंट है उसमें नई-नई योजनाओं को लाकर प्राक्कलन घोटाले कर पार्टी फंड तैयार करने में जुटी रहती है।