पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में तेजी से फैल रहे ड़ेंगू पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि समय रहते सरकार के सतर्क नहीं होने के कारण राज्य में डेंगू महामारी का रूप धारण कर रहा है।
सिन्हा ने कहा कि बरसात का मौसम शुरू होने के पहले सरकार को निषेधात्मक कार्रवाई के तहत नालों की उड़ाही, डी डी टी का छिड़काव औऱ जल जमने वालों स्थलों की साफ सफ़ाई किया जाना था।लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।अब स्थिति भयावह हो गई है।
सिन्हा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों की उपचार की व्यवस्था दयनीय है।राजधानी पटना में लोग डेंगू होने पर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।बेड का अभाव, दबाई की कमी, गन्दगी का अम्बार औऱ खराब डाइग्नोस्टिक मशीन के कारण लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतरा रहे हैं।
1 वर्ष पूर्व महागठबंधन सरकार बनने के वाद स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने ताम झाम के साथ मिशन 60 की शुरुआत की थी।कहा था कि सभी सरकारी अस्पतालों की हालत बदलेगी।लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
सिन्हा ने कहा कि उच्च स्तरीय स्वास्थ्य विभाग का महकमा डेंगू को लेकर उदासीन है।तेजस्वी जी मंत्री पद का जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं।पांच पांच विभाग उनके जिम्मे है।उसके अलावे मुख्यमंत्री जी के साथ राजनीतिक देशाटन में वरावर जा रहे हैं।मुख्यमंत्री जी ने स्वयं समीक्षा बैठक की है जो पहले होना चाहिए था।अन्य उच्च पदस्थ विभागीय अधिकारियों के जिम्मे भी दूसरे तीसरे विभागों का प्रभार के कारण वे भी समय नहीं दे पा रहे हैं।
सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचार की महामारी के कारण महागठबंधन सरकार सभी मोर्चों पर विफल हो चुकी है।सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिये जनता सरकारी कर्मियों को पैसा देने के लिये मजबूर है।घूस के बिना कोई काम नहीं होता है।
दवाई, पढ़ाई, सिंचाई का नारा लगाते थे।कहीं भी सफलता नहीं मिली।कानून व्यवस्था तो आई सी यू में चला गया है।सरकार को कोई चिंता नहीं है।जनता का दुख दर्द बढ़ते जा रहा है।यदि थोड़ी भी नैतिकता वची है तो राज्य के मुखिया को इन विषयों का शीघ्रता से संज्ञान लेना चाहिए।