इंडिया को सिर्फ और सिर्फ भारत नामकरण को लेकर बिहार की सियासत उबाल पर है। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे आमंत्रण पत्र में ” प्रेसिडेंट ऑफ भारत” लिखे जाने के विरोध पर कहा कि यह भी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरोध की गहरी राजनीति का हिस्सा है।
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि I.N.D.I.A के लोग सनातन धर्म और सभ्यता-संस्कृति को मिटाने की सुपारी लिए हुए पटना से मुंबई तक व्याकुल घूम रहे हैं। हम भारत माता की जय बोलते हैं। विपक्ष अगर इंडिया माता की जय बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।
जदयू और राजद के नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार संविधान के साथ-साथ वैज्ञानिकों का भी अपमान कर रही है। हमारे संविधान में दर्जनों जगह इंडिया का जिक्र है। वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी भाजपा डरी और सहमी हुई है। इस वजह से उसके नेता ऐसे बयान दे रहे हैं।
वहीं, सुशील मोदी के बयान पर जदयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भारतीय जनता पार्टी को बाबा भीमराव अंबेडकर, संविधान सभा सदस्य के अलावा इसरो वैज्ञानिकों का अपमान बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी भारत को अगर सनातन धर्म से जोड़ रही है तो इसमें सबसे पहले देश रत्न भाव भीमराव अंबेडकर जिन्होंने संविधान की कल्पना की। संविधान को लिखा । उनको अपमानित कर रहे हैं। हमारे संविधान में दर्जनों जगह इंडिया का जिक्र है।
जदयू नेता ने इसरो वैज्ञानिक का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी वाले अब इसरो वैज्ञानिक का भी अपमान किया जा रहा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गठबंधन की ताकत से डरे हुए हैं। इसलिए अब उन्हें इंडिया शब्द से भी नफरत हो गया है।
वहीं, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि देश की जनता इन सब मुद्दों के लिए उन्हें सत्ता नहीं सौंपी थी। बल्कि देश की तरक्की बेरोजगारी भुखमरी को दूर करने के लिए सत्ता सौंपी थी। दरअसल, इंडिया गठबंधन की ताकत को भारतीय जनता पार्टी बखूबी समझ रही है। इसी से वह डरी और सहमी हुई है। लोकसभा 2024 में उनका खाता भी नहीं खुलेगा। यही वजह है कि सुशील मोदी कुछ भी बयानबाजी कर रहे हैं।