पटना ; मंगलवार यानी आज अतिसम्मानित राज्यपाल-सह- कुलाधिपति महोदय से बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों के प्रतिकूल परिनियमों, विनियमों, नियमों तथा वहां के लोकतांत्रिक निकायों/ समितियों की अनदेखी करते हुए शिक्षा विभाग के नौकरशाहों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वेतन/ पेंशन रोके जाने, आउटसोर्स के तहत महाविद्यालय- विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने, विभिन्न प्रकार के इक्विपमेंट की खरीद कुछ खास कंपनियों द्वारा किए जाने तथा हाउसकीपिंग के लिए भी अपने स्तर से ही खास कंपनी तय करने के मामले से जुड़े तरह-तरह के पत्र निर्गत किए जाने के संबंध में सारे तथ्यों से शिष्टमंडल द्वारा अवगत कराया गया
जिसमें लगभग पंद्रह विधान पार्षद यथा प्रोफेसर संजय कुमार सिंह, कार्तिक सिंह, डॉ मदन मोहन झा, डॉ संजीव कुमार सिंह, डॉ संजय पासवान, प्रोफेसर वीरेंद्र नारायण यादव, श्री सर्वेश कुमार, डॉ समीर कुमार सिंह, श्रीमती रेखा कुमारी, जनाब अफाक अहमद, श्री अजय कुमार सिंह, डॉ अजय सिंह एवं कुमार नागेंद्र आदि थे।
कुलाधिपति को वर्तमान शैक्षणिक संदर्भ में विभागीय नौकरशाहों द्वारा जितने भी नियम विरुद्ध निर्णय लिए जा रहे हैं उससे जुड़े सारे तथ्यों की विस्तृत जानकारी दी गई और उन्होंने बहुत ही गंभीरतापूर्वक सारी बातों को सुना और त्वरित एवं यथोचित कार्रवाई के लिए शिष्टमंडल को आश्वस्त भी किया। शिष्टमंडल द्वारा कल अधिपति से यह भी आग्रह किया गया जो कि ऐसे पदाधिकारी को इतने महत्वपूर्ण विभाग में कार्य करने का कोई औचित्य नहीं है।