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परिक्रमा यात्रा मंगलवार को पहुंची फुलहर। क्या होती है परिक्रमा यात्रा, कब और कहां होती है परिक्रमा यात्रा? क्या सब होता है परिक्रमा यात्रा में? विस्तार से जानिए….

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अजय धारी सिंह

मधुबनी : मिथिलांचल के प्रसिद्ध 15 दिवसीय परिक्रमा यात्रा मंगलबार को हरलाखी प्रखंड के गिरजा स्थान फुलहर पहुंची। डोला आते ही फुलहर पंचायत के ग्रामीणों श्रद्धालुओं के द्वारा मिथिला बिहारी व किशोरी जी के डोले का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। दोपहर करीब तीन बजे भगवान का डोला फुलहर पहुंची। जहां दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं साधु संतों भगवान की डोला लेकर बाग तड़ाग पहुंची, जहां विधिवत जनक जी की पुष्प वाटिका में फूललोड़ी का रस्म हुआ। उसके बाद उक्त फूल से गिरिजा माई का पूजा अर्चना की गई।

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मान्यता है कि जगत जननी माता सीता रोज फूल तोड़ने इसी बाटिका में आया करती थी, और फिर मां गिरिजा को पूजा करती थी। भगवान राम और माता सीता का इसी वाटिका में पहला मिलन हुआ था। वाटिका में आज भी भगवान का धनुष इस बात का साक्षी बना हुआ है और इसी परंपरा को बरकरार रखने के लिए इस रस्म को पूरा किया जाता है। फुलहर ग्राम वासियों के द्वारा परिक्रमा यात्रियों के लिए भंडारे और ठहरने का समुचित व्यवस्था की गई। परिक्रमा महामहोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रातभर भजन, कीर्तन, रामलीला व झांकी समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रम होती रहा। यात्रा का पूरा क्षेत्र सियाराम नाम के जयघोष से भक्तिमय बना रहा।

12 मार्च को परिक्रमा भारत के गिरिजास्थान पहुंची जिसके बाद परिक्रमा की तारीख और परिक्रमा के दौरान विश्राम स्थल निम्न प्रकार हैं। 13 मार्च को मटिहानी नेपाल, 14 मार्च को जलेश्वर नेपाल, 15 मार्च को मड़ई नेपाल, 16 मार्च को ध्रुवकुंड नेपाल, 17 मार्च को कंचनवन नेपाल, 18 मार्च को पर्वता नेपाल, 19 मार्च को धनुषा धाम नेपाल, 20 मार्च को सतोषर स्थान नेपाल, 21 मार्च को ओरह नेपाल, 22 मार्च को करुणा भारत, 23 मार्च, बिशौल भारत, 24 मार्च को जनकपुरधाम नेपाल अंतरगृह परिक्रमा और 25 मार्च कोजनकपुर में अंतर गृह रात्रि विश्राम के बाद सभी परिक्रमा यात्रा समाप्त होगी। भगवान का डोला लेकर अगला पड़ाव 13 मार्च को मटिहानी स्थान नेपाल के लिए रवाना हो गई।

परिक्रमा मेला को देखने जुटी भारी भीड जुटी हुई थी। जिसको लेकर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हरलाखी थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सहनी के नेतृत्व विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, चप्पे चप्पे पर पुलिस की नजर थी। इस दौरान जन जीवक कल्याण संघ के द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। चिकित्सकों के द्वारा बीमार एवं अस्वस्थ परिक्रमा यात्रियों को जांच के बाद निःशुल्क दवाइयां दी गयी। निःशुल्क शिविर में सुबह से ही श्रद्धालु की भीड़ लगी रही। इस मौके पर जन जीवक कल्याण संघ के डॉ० अविनाश कुमार संयोजक, डॉ. रविन्द्र ठाकुर, डॉ० मनोज शर्मा, डॉ० गुड्डू सिंह, डॉ० अमर राम समेत अन्य ग्रामीण चिकित्सक शिविर में सेवा दे रहे थे।

 

बाइट: अविनाश कुमार(आरएमपी), संयोजक, जन जीवक कल्याण संघ
बाइट: राज किशोर

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