बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह की कर्मभूमि नमक सत्याग्रह स्थल गढ़पुरा आज भी उपेक्षित के उपेक्षित ही हैं जिसको ले बुधवार को नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति सदस्यों के द्वारा सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के गलत कारगुजारीयों के खिलाफ एक दिवसीय सांकेतिक धरना पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन किया।
जानकारी के अनुसार सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गांधी जी ने गुजरात में साबरमती आश्रम से लगभग 340 किलोमीटर की पदयात्रा कर दांडी में अंग्रेजी हुकूमत के काले नमक कानून को भंग किया था। गांधी जी के आहवान पर ही बिहार में “बिहार केसरी” डॉ. श्रीकृष्ण सिंह “श्रीबाबू” ने मुंगेर से गंगा नदी पार कर लगभग 100 किलोमीटर लंबी दूरी व कष्टप्रद पदयात्रा कर सन 1930 में गढ़़पुरा तक पहुंच अपने सहयोगियों के साथ अंग्रेजों के काले नमक कानून को तोड़ा था।
इस दरम्यान ब्रिटिश फौज़ के जूल्म से उनके साथियों पर ही नहीं जुल्म ढाया गया बल्कि उनका बदन भी नमक के खौलते पानी से जला दिया गया था पर वह हार नहीं माने थे। गढ़़पुरा के इस ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह के बाद महात्मा गांधी ने उन्हें बिहार के प्रथम सत्याग्रही कहा था। वर्षों की घोर उपेक्षा के बाद गढ़़पुरा नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति बेगूसराय की पहल पर 2012 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, 2013 में नमन यात्रा पर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व 2014 में मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी यहां पहुंचे और बाधाओं के बावजूद, स्वतंत्रता संग्राम की इस अनमोल विरासत व श्रीबाबू की कर्मभूमि के दिन बहुरने लगे हैं।
सरकार के पहल पर ही श्री बाबू की कर्मभूमि रही गढपुरा में यहां एक स्मारक निर्माणाधीन है एवं इस स्थल को विकसित कर बापू सर्किट से जोड़े जाने एवं अन्य कार्यों को किए जाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्षों किए गए घोषणाओं पर कार्य कराए जाने के लिए स्थानीय अधिकारी व पदाधिकारी अब तक उक्त कार्यों को मुकाम तक पहुंचाने में विफल साबित हुए हैं। बावजूद इसके बिहार केसरी के132 वीं जयंती के अवसर पर गुपचुप तरीके से अर्ध निर्मित स्मारक स्थल पर एक बोर्ड लगाकर लोगों को अचंभित कर दिया गया। उक्त बोर्ड पर 21 मई 2018 को ही कार्य पूरा होने एवं मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन होने का जिक्र किया हुआ है जिससे नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति सदस्यों ने काफी नाराजगी जताई।
इस बात को ले नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति के राष्ट्रीय महासचिव राजीव कुमार के नेतृत्व में दर्जनों सदस्यों ने बेगूसराय स्थित स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित बापू प्रतिमा के समक्ष बैठकर विरोध जताया इस संबंध में गौरव यात्रा समिति के राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि जिस स्थल के उत्थान को ले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद ही नमक सत्याग्रह स्थल पर नमन यात्रा में पहुंचने के दौरान बड़ी-बड़ी घोषणा किए थे उक्त स्थल पर अर्ध निर्मित एवं गुणवत्ता से अपूर्ण करवा कर उनके अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा नमक सत्याग्रह स्थल पर जो बोर्ड लगाया गया है जिसके खिलाफ सरकार तक आवाज पहुंचाने को ले गौरव यात्रा समिति सदस्य सदैव तत्पर रहेगी।