अमरदीप झा, बिहार नाउ
2019 नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया किंतु इस विधेयक का विरोध पूरे देश में जारी है।कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध करते हुए घोषणा की ये कांग्रेस शासित प्रदेश मैं नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू नहीं किया जाएगा।
इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा जदयू के समर्थन देने के कारण पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गई है। जिस प्रकार से प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं । उसके राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। क्योंकि बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव है।
आने वाले चुनाव में पार्टी में नेताओं की बगावत परेशानी की वजह भी बन सकती है ? आपको बता दें कि प्रशांत किशोर इससे पहले भी पार्टी से हटकर अपना बयान देते आए हैं मार्च 2019 में भी मुजफ्फरपुर के एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने खुद को किंग मेकर बताया था। उस समय भी उनका विरोध जोर शोर से हुआ था।
एक के बाद एक पार्टी लाइन से बिल्कुल उल्टा बयान देकर आखिर प्रशांत किशोर क्या मैसेज देना चाहते हैं?
2015 जीतन राम माझी के प्रकरण के बाद यह पहला ऐसा मामला है जो पार्टी प्लेटफार्म पर इतनी संख्या में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रशांत किशोर के बयान के बारे में कहा कि पार्टी प्लेटफार्म पर इन सब चीजों की चर्चा होनी चाहिए, बावजूद प्रशांत किशोर ने गैर बीजेपी शासित प्रदेश के मुखियाओं से ट्विटर के माध्यम से कहा पंजाब केरल और पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार से क्या CAB ,एनआरसी को नकार दिया। दूसरे गैर बीजेपी राज्य के सीएम को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।