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आयुष्मान भारत योजना ने दी ‘भोगेन्द्र’ को नई जिंदगी,पैसों की तंगी नहीं बनी बाधक…

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• किडनी की समस्या से जुझ रहे भोगेन्द्र का हो रहा ईलाज
• 15 दिनों से डीएमसीएच में चल रहा मुफ्त उपचार
• जिले में करीब 1.5 लाख लोगों को निर्गत किया गए गोल्डेन कार्ड

दरभंगा/. मधुबनी जिला के फेंट गांव निवासी भोगेन्द्र साह को आयुष्मान भारत योजना ने नई जिंदगी दी है. 3 बच्चों कि जिम्मेदारी उठाने वाले भोगेन्द्र साह आज जिंदगी जीने की राह की ओर अग्रसर है. बीमार पति के ठीक होने के बाद पत्नी सुलैना देवी खुशी महसूस कर रही है. डीएमसीएच(दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) के डायलिसिस यूनिट में उसका दो बार डायलिसिस हो चुका है. सोमवार को भोगेन्द्र का तीसरा डायलिसिस होगा. उसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जायेगा. डॉक्टरों के अनुसार उसके किडनी में समस्या हो गयी थी. डायलिसिस होने के बाद फिलहाल वह ठीक है.
पैसे की तंगी नहीं बनी बाधक:
पत्नी सूलैना ने बताया अभी तक उसे उपचार में एक भी पैसा नहीं देना पड़ा. आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल की ओर से नि:शुल्क चिकित्सा व दवा मिली. इस कारण आज उनका पति जिंदा है. अगर यह योजना नहीं होता तो शायद उसका पति आज इस स्थिति में नहीं रहता. सूलैना ने कहा वह विगत एक सप्ताह से डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के डॉ सीएम झा यूनिट में भर्ती है. विगत एक साल से उनका पति किडनी रोग से ग्रसित था. रोग के कारण उनके पति के हाथ- पांव फुल गए थे . गांव वालों से चंदा लेकर डीएमसीएच में भर्ती कराया था. वार्ड में हैल्थ मैनेजर ने उसकी पुरी मदद की. डिस्चार्ज होने के बाद वह घर चली जायेगी. आयुष्मान योजना के कारण ईलाज कराने में पैसे की तंगी बाधक नहीं बनी.
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरआर प्रसाद ने बताया बाहर चिकित्सा कराने पर भोगेन्द्र को 50 हजार से अधिक खर्चा होता. लेकिन आयुष्मान भारत योजना गरीब भोगेन्द्र व अन्य हजारों गरीब लोगों के लिये वरदान साबित हो रहा है. डीएमसीएच में करीब 2100 मरीज व परिजन इस योजना से लाभांन्वित हो चुके हैं. अधिकांश मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. अभी तक डीएमसीएच से करीब 70 लाख रूपये के लिये क्लेम किए जा चुके हैं. जबकि डीएमसीएच में 2813 मरीजों ने आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड के लिये रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
सभी पंचायत में स्थाई रूप से बनेगा आयुष्मान कार्ड:
जिले में पिछले डेढ़ साल से लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा रहें हैं. अभी तक करीब 1.5 लाख लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड मुहैया कराया जा चुका है. जिला प्रशासन ने स्थाई तौर पर सभी पंचायतों में गोल्डेन कार्ड बनाने को लेकर पहल की है. इसे लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया है. पंचायत में कार्यरत डॉटा ऑपरेटर रोजाना स्थानीय लोगों को गोल्डेन कार्ड के लिये रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे. विदित हो कि जिले में करीब 32 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वर्तमान समय में वसूधा केन्द्र, पीएचसी एवं शिविर के माध्यम से लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है. इस कारण ल्क्ष्य के अनुरूप कम लोगों तक इसका लाभ पहुंच चुका है. रोजाना कार्ड बनने से आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा. इससे सरकार की ओर से निर्धारत लक्ष्य के अनुरूप अधिकांश लोगों को इस योजना का लाभ मुहैया कराया जा सकेगा.

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