मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में दिनदहाड़े डॉक्टर प्रियरंजन की हुई हत्या ने एक बार फिर बिहार के विधि व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है…
हत्या के विरोध में बिहारशरीफ अस्पताल चौक को जाम करते हुएडॉक्टर सड़कों पर उतरकर इस हत्या का पुरजोर विरोध जताया और हड़ताल की घोषणा कर दी | डॉक्टरों ने अल्टीमेटम दिया है कि 24 घंटे के भीतर अगर अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो यह हड़ताल उनका आगे भी जारी रहेगा | इसके अलावे ओपीडी और इमरजेंसी सेवा को भी ठप्प करने का एलान कर दिया है…
डाक्टरों ने हत्यारे को गिरफ्तार करने के साथ साथ पीड़ित परिवार को 5 करोड़ मुआवजा देने की भी मांग की है | डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें सरेआम को एक नहीं बल्कि 6 छह गोलियां मारी गई है| ऐसा प्रतीत होता है कि हम लोग नालंदा में नहीं रह कर ऐसे उग्रवाद प्रभावित जिले में वल्कि सीरिया या लेबनान में रह रहे हैं
सबसे बड़ी बात यह है की मृतक सत्ता धारी दल जेडीयू के पूर्व विधायक इंजिनियर सुनील कुमार के करीबी रिस्तेदार बताये जाते हैं | ऐसे में बिहार की विधि व्यवस्था पर सवाल खड़ा होना लाजमी है | दरअसल नालंदा जिले के रहुई थाना इलाके के सैदी मोड़ के समीप ड्यूटी पर जा रहे डॉ प्रियरंजन कुमार प्रियदर्शी बेखौफ अपराधियों ने दिन दहाड़े गोली मार दी जिससे डॉक्टर की मौत मौके पर ही हो गई थी |
बताया जाता है कि नूरसराय थाना इलाके के नोसरा गांव निवासी डॉ प्रियरंजन कुमार प्रियदर्शी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोनावां में पदस्थापित थे | वे बाइक से अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे इसी बीच अपराधियों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया | बाा