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आर्थिक जालसाजी के महारथी तो थे ही, संगठनात्मिक जालसाजी भी शुरू कर दिए तेजस्वी यादव – मंत्री

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बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने विधानमंडल परिसर में आज बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद व वर्तमान में जदयू की सदस्या पटना विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका कुमकुम राय को राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सचिव घोषित किए जाने को विस्मयकारी बताते हुए कहा कि लालू राबड़ी शासनकाल 5243 लोगों का फिरौती के लिए अपहरण के लिए कुख्यात तो था ही अब बदलते दौर में उनके वारिस दागी तेजस्वी यादव अपनी बेरोजगारी यात्रा में अतिपिछड़ा के नाम पर आर्थिक जालसाजी किया ही अब सांगठनिक जालसाजी में भी माहिरता हासिल कर 19 अगस्त 2019 को राजद को तिरस्कृत कर जदयू में शामिल हुई पटना विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका व पूर्व सांसद प्रोफेसर कुमकुम राय जी को फर्जी तरीके से राजद की कागजी नवगठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सचिव घोषित कर दिया।

मंत्री नीरज कुमार यहीं नहीं रुके सीधे सीधे तेजस्वी से सवाल कर उन्होंने पूछा कि बिहार की जनता को बताईए आखिर कैसे आपने जदयू सदस्य को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सचिव बना दिया।

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राजद की तो संस्कृति रही ही है बिना खाता बही के चरवाहा विद्यालय मॉडल पर पारिवारिक पार्टी के संचालन की पर पटना विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की प्राध्यापिका नालंदा विश्वविद्यालय के मॉडल पर भरोसा जताती हैं चरवाहा विद्यालय पर नहीं साथ ही साथ तेजस्वी यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अपने परिवार और अपराध से समाहित लोगों के परिजनों के राजनीतिक समायोजन और अब सांगठनिक अपहरण का द्योतक यह सूची सांगठनिक उगाही का भ्रमजाल है।

विधानसभा में आज हुए एक अजीबोगरीब घटनाक्रम जिसमें विपक्ष द्वारा सदन में पिंजरे में चुहा बंदकर के ले जाने और राबड़ी देवी का यह कथन कि कि हम सभापति से चुहा को सजा दिलाने की माँग करेंगे पर रोष व्यक्त करते हुए कि हिंदू संस्कृति में प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जिनसे कार्यारंभ होता है उन्हीं की सवारी को यूँ पिजड़े में बंद कर उपहास उड़ाने वालों लोग मुद्दे पर तनिक भी गंभीर नहीं हैं, तथ्यात्मक ढंग से गंभीरता पूर्वक अपनी बात रखते और इस तरह की हरकत से पूर्व वैज्ञानिक पक्ष को भी अपने दिमाग में रखते वैसे मजेदार यह है कि जिनका राजकाज 812 लोगों की नृशंसतापूर्वक नरसंहार से रक्तरंजित हो उनको हाथ से चुहा पकडऩे में भी डर लगता है तो ये हमसे मुकाबला क्या करेंगे। गणेश जी की सवारी को पिंजरे में बंद कर दिया इन्होंने, जैसे इनके नेता कैदी नंबर 3351कानून के पिंजरे में बंद हैं। गणेश जी की नजरे इनायत बनाए हैं इनपर इस तरह का प्रस्तुतीकरण राजनीति में घातक होता है।

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