SP के ग्रुप एडमिन रहने के बावजूद गुटबाजी करने वाले पर अधिकारी मौन क्यों ?…
सहरसा – सदर थाना में पिछले एक सप्ताह से पुलिसिया गुटबाजी साफ साफ दिखाई दे रहा है। पुलिस पदाधिकारी के गुटबाजी के कारण शहरवासी सशंकित हैं। कहीं इस गुटबाजी का शिकार शहरवासी को न होना पड़े ❓ मालूम हो कि तत्कालीन थानाध्यक्ष राजमणि को अपराधियों से धारा हटाने अथवा जोड़ने से सम्बंधित सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। मामले को अति गम्भीरता से लेते हुए कोसी रेंज के डीआईजी सुरेश कुमार चौधरी ने एक मार्च को तत्काल प्रभाव से राजमणि को निलंबित कर दिया।
वहीं पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने आर•के सिंह को सदर थानाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया। ज्ञात हो कि वर्ष 2019 के फरवरी माह में सोनवर्षा थाना क्षेत्र के विराटपुर गाँव में शादी समारोह के दौरान चल रहे आर्केस्ट्रा के बीच में अचानक हर्ष फायरिंग किया गया जिसमें एक नर्तकी की गोली लगने से मौत हो गई।
इस शादी समारोह में जिले के कई सफेदपोष समेत कई पुलिस पदाधिकारी भी शिकायत किये थे। जिसमें पुलिस निरीक्षक सह सदर थानाध्यक्ष आर•के• सिंह भी मौजूद थे। जिसका घटना के कुछ दिन बाद वीडियो वायरल किया गया था। इस मामले में भी डीआईजी ने श्री सिंह को निलंबित किया था साथ ही 25 फरवरी 2019 को पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार सिमरीबख्तियारपुर से स्थानांतरित हो सदर थाना के थानाध्यक्ष के रूप में राजमणि ने अपना योगदान दिया था।
28 फरवरी 2020 से वायरल ओडियो के बाद राजमणि समर्थक खुलकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहें हैं। सहरसा पुलिस द्वारा व्हाट्सएप पर साईबर सैनानी सदर थाना के नाम से बने ग्रुप में राजमणि समर्थक एवं आर के सिंह समर्थक अपनी अपनी प्रतिक्रिया देने में मशगूल हैं।
प्रतिक्रिया का प्रवान इतना चढ़ा कि साईबर सैनानी सदर थाना के ग्रुप एडमिन ने प्रतिक्रिया देने वाले लगभग छः सदस्य को ग्रुप से रिमूव कर दिया कुछ सदस्य तो इन दोनों के सोशल मीडिया पर चल रहे विवादास्पद प्रतिक्रिया को देखते हुए उक्त ग्रुप से लेफ्ट होना ही उचित समझा। तत्कालीन एवं वर्तमान थानाध्यक्ष की लुक्का-छीपी खेल में अपराधी अपना उंगली सीधा करने के फिराक में जुटे हैं कहीं आगामी होली का रंग बदरंग न हो जाए ❓
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ