एक बार फिर बिहार नाउ की खबर का बड़ा असर हुआ है.. बिहार नाउ ने सहरसा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हो रही लापरवाही को खबरों के माध्यम से उजागर किया, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई…
सहरसा सिविल सर्जन ने बिहार नाउ की खबर देखने के बाद तुरंत इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं… सिविल सर्जन ने अस्पताल उपाधीक्षक को जांच के आदेश लिखित रुप में दी है….
आपको बता दें कि कोलकाता से आये एक कोरोना संदिग्ध मरीज तुसार भारती जब परिवार के साथ रात के 12 बजे सदर अस्पताल पहुंचा तो वहाँ कोरोना कन्ट्रोल रूम का दरवाजा अंदर से लॉक था..
, तुसार के परिजन ने आपतकाल कक्ष में डॉ० एवं नर्स को खोजने पहुंचा वहाँ भी अस्पतालकर्मी सहित डॉ० नदारत दिखे। अस्पताल गार्ड ने कोरोना कंट्रोल रूम के दरवाजा को खटखटाया तो अंदर से कंट्रोल रूम कर्मी निकला उसने कोरोना संदिग्ध मरीज पंजी में तुसार का इंट्री किया उसके बाद उसने कोरोना मरीज हेतु बने आइसोलेशन वार्ड में जाने को कहा। मरीज के परिजनों ने जा कर देखा तो आइसोलेशन वार्ड में भी ताला लटका मिला।
वहाँ से पुनः कंट्रोल रूम पहुंचकर आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डॉ० एवं नर्स को खोजने लगा। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एवं नर्स दोनों अलग अलग कमरे में सोये दिखे। तुसार के परिजन ने डॉ० को जगाकर अपना व्यथा सुनाया तत्पश्चात झल्लाते हुए डॉ० ने परिजन के साथ आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज नर्स को जगाने का प्रयास किया।
नर्स ने स्पष्ट शब्दों में कही की मैं अभी आइसोलेशन वार्ड नहीं जाऊँगी और वहाँ बेड खाली नहीं रहने का बहाना बनाकर डॉ सहित परिजनों को टरका दिया। मरीज एवं मरीज के परिजन की लाचारी देखकर डॉ० ने पुनः नर्स को धमकाते हुए आइसोलेशन वार्ड जाने को दवाव बनाया। काफी देर तक हाय भोल्टेज ड्रामा के बाद नर्स आइसोलेशन वार्ड जाने को तैयार हुई।
ततपश्चात नर्स मरीज को बेड तो नहीं मुहैया कराई लिहाजा मरीज तुसार को रात आइसोलेशन वार्ड के जमीन पर ही गुजारना पड़ा। सारे प्रकरण के दौरान बिहार नाउ की टीम सभी घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया…
इसके बाद इस कुव्यवस्था को खबरों के माध्यम से उजागर किया गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं…
सहरसा से बी एन सिंह पप्पन के साथ रितेश हन्नी