पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की जेडीयू में वापसी की अटकलें हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि जेडीयू के कई नेताओं के स
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनेताओं का दल बदलने का सिलसिला जारी है। दल बदल का ज्यादा असर आरजेडी और जेडीयू में दिख रहा है। लालू प्रसाद यादव के समधी समेत आरजेडी के कई विधायक जेडीयू का दामन थाम चुके हैं। वहीं नीतीश सरकार में मंत्री श्याम रजक ने आरजेडी का दामन थामा है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की जेडीयू में वापसी की अटकलें हैं।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि जेडीयू के कई नेताओं के साथ वरिष्ठ नेता शरद यादव की मुलाकात हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि शरद यादव के जेडीयू में वापसी को लेकर पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। इस वजह से इस मुद्दे पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि पार्टी फोरम में चर्चा हो रही है कि शरद यादव पार्टी के पुराने चेहरा रह चुके हैं। जेडीयू को स्थापित करने में उन्होंने अहम रोल निभाया था।
शरद यादव के करीबी अजित यादव ने बताया कि मीडिया में जो भी अटकलें लगाई जा रही है वह निराधार है। फिलहाल शरद यादव के जेडीयू में जाने की कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि शरद यादव पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनका दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान आरजेडी नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। अब वह ठीक अनुभव कर रहे हैं और पटना लौट आए हैं। अजित यादव ने कहा कि शरद यादव अगले एक-दो दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसी दौरान सारी बातें साफ की जाएगी।
2016 में आरजेडी+जेडीयू गठबंधन टूटने के बाद शरद यादव मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के फैसले से नाराज थे। शरद यादव नहीं चाहते थे कि जेडीयू दोबारा से बीजेपी के साथ जाए। इन्हीं बातों को लेकर शरद यादव जेडीयू से अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया था।
इसी पार्टी के टिकट पर शरद यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाया था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। मधेपुरा लोकसभा सीट पर उनको जेडीयू नेता दिनेशचन्द्र यादव ने 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। लोकसभा चुनाव के दौरान शरद यादव की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा थी।