बिहार में चुनावी साल है ऐसे में तमाम पार्टियों के नेता जनता के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.. लगातार अपने-अपने क्षेत्रों में नेता जनता को रिझाने में लगे हुए हैं.. इसी बीच बिहार की सियासत दान के लिए लगातार कानून की धज्जियां उड़ाना एक आम सा हो गया है… पप्पू यादव, मंत्री संजय झा सहित कई नेताओं ने सोशल डिस्टेंस की खुलेआम धज्जियां उड़ाई है… इसी कड़ी में एक और नया नाम जुड़ गया है और वो हैं बिहार की स्वघोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी..
. बिहार की स्वघोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए प्रतिबंध के बावजूद राजनीतिक सभाएं की है.. पुष्पम प्रिया चौधरी सुपौल के निर्मली गांव में एक जनसभा को संबोधित कर रही थी जिसमें सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद है… तस्वीरों में जो दिख रहा है उसके मुताबिक लोगों के चेहरे पर ना तो मास्क है और ना ही वहां सोशल डिस्टेंशिंग की पालन की जा रही है…
पुष्पम प्रिया चौधरी की जनसभा में अधिकतर बच्चे नजर आ रहे हैं और सोशल डिस्टेंस की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. सबसे बड़ा सवाल कि स्वघोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार में बदलाव की बात करती हैं लेकिन खुद मुख्यमंत्री बनने से पहले ही कानून को ठेंगा दिखाती हैं ,ऐसे में जनता उनपर भरोसा क्यों और कैसे करे ?..
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ