दरभंगा सभी नदी तालाबों में जैसे हराही पोखर दिघ्घी गंगा सागर बागमती हरिबोल तालाब इनके अलाबे दर्जनों तालाबों में अस्तचलगामी भगबान भास्कर को अर्घ्य देने लाखो संख्या में श्रद्धालु बिभिन्न घाटों में देखने को मिले बिहार का
प्रशिद्ध छठ को देखने दूर दूर से श्रद्धालु आते है लोगो की मान्यता है की छठ माता सभी की मनोकामना पूर्ण करती है जो भी उनसे कुछ भी मांगता है माता मनोकामना को पूरा करती है..
वहीं श्रद्धालु मित्र नाथ जी का कहना है की भारती संस्कृति में छठ का महत्व बहुत अधिक है बैदिक काल से जो हमें परंपरा मिलती है उसमे छठ का उल्लेख मिलता है की भगबान सूर्य देब जो स्वास्थ के प्रतिक है स्वस्थ के देबता है उनकी पूजा की जाती है और खष्टी तिथि को प्रथम अर्घ्य दिया जाता है इसकी महत्ता सिर्फ बिहार में नहीं है बल्कि बिदेशो में जैसे अमेरिका जापान फ्रांस नेपाल आदि में रहने बाले लोग भी छठ की पूजा बड़े श्रद्धा से मनाते इनका कहना है की हमारे यहाँ उगते एवं डूबता हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है
इनका कहना है की महाभारत में इनका बर्णन बहुत अधिक है द्रौपदी के बारे में कहा जाता है की पहला छठ कुंती और द्रौपदी दोनों ने मिलकर किया इससे पुराने परम्परा भी है की रामायण में देखने को मिला जब राम जी रावण बद्ध एवं लंका बिजय के पश्यचात जब राम लौट रहे थे तब मुदगंद ऋषि ने कहा की रावण बद्ध के कारण जो शाप लगा है उसका प्रायश्चित बाकी है आपका यह शाप मुक्त तभी होंगे जब आप सूर्य को अर्घ्य देंगे तभी से यह परम्परा चला आरहा है घाटके चारो तरफ सुरक्षा का पोख्ता इंतजाम किया गया है NDRF बिहार 9 बतेलियान्न बिहटा पटना की 35 सदस्य टीम एवं दो गोताखोर सभी छठ घाटो पर निगरानी रख रही है
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ, दरभंगा