बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचव संजय कुमार और बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने संयुक्त रूप से शाम 4 बजे 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट जारी किया. इसबार मैट्रिक परीक्षा में 78.17% बच्चे पास हुए हैं. जमुई की रहने वाली पूजा, रोहतास के रहने वाले संदीप और जमुई की रहने वाली शुभ दर्शिनी ने टॉपर की लिस्ट में शामिल हैं. पूजा कुमारी, शुभ दर्शिनी और संदीप कुमार ने 484 नंबर पाए, इन्हें 96.8% नंबर मिले हैं. टॉप 10 में 101 स्टूडेंट्स शामिल हैं। बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थी अपना रिजल्ट बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट onlinebseb.in और biharboardonline.bihar.gov.in पर देख सकेंगे।
BSEB की ओर से रिजल्ट जारी होते ही बोर्ड की वेबसाइट का सर्वर डाउन हो गया। परिणाम जानने के लिए परीक्षार्थी http://biharboardonline.bihar.gov.in पर बार-बार क्लिक करते रहें, लेकिन साइट पूरी तरह से खुल नहीं सका। इस बार 20 मार्च को ही आंसर की जारी कर दी गई थी। इंटरमीडिएट की तरह मैट्रिक परीक्षा के 50 टॉपर को भी बोर्ड ऑफिस बुलाया गया था। शुक्रवार व शनिवार को टॉपर की संभावित लिस्ट में शामिल छात्रों का इंटरव्यू लिया गया था। मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन इस बार 12 से 24 मार्च तक चला था।
बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा 2020 का रिजल्ट 26 मई 2020 को जारी किया था। कोरोना के कारण 2020 में कॉपियों के मूल्यांकन में काफी समस्या हुई थी। संक्रमण के कारण ही रिजल्ट जारी करने में बोर्ड को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। 2020 में बिहार मैट्रिक परीक्षा में 80.59 प्रतिशत स्टूडेंट्स हुए थे। इसमें 96.20 प्रतिशत अंक के साथ हिमांशु राज ने पहला स्थान हासिल किया था।
गौरतलब है कि बिहार बोर्ड की ओर से टॉपरों के वेरिफिकेशन का काम पिछले सप्ताह कराया गया था. उन स्टूडेंट्स से बोर्ड संपर्क कर उसका सत्यापन कराया, ताकि रिजल्ट जारी होने के बाद बोर्ड की किरकिरी नहीं हो. बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से ली गई मैट्रिक परीक्षा में इस बार लगभग 16.84 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे. इनमें लगभग 8.46 लाख छात्र और 8.38 लाख छात्राएं शामिल हुई थीं. इसी साल 17 से 24 फरवरी तक परीक्षा आयोजित की गई थी. इसके लिए प्रदेश में 1525 सेंटर बनाए गए थे, जहां कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एग्जाम कराया गया था. कॉपियों का मूल्यांकन 24 मार्च तक चला था।