बिहार में कोरोना का कोहराम जारी है..कोविड से निपटने के लिए सरकार लगातार बेहतर तैयारियों का हवाला देती रही है.. लेकिन बिहार सरकार के डेडिकेटिड कोविड अस्पताल NMCH से खबरें सामने आ रही वो सरकार की तैयारियों की हकीकत की पोल खोल दी है..
एनएमसीएच के अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कार्यमुक्त करने की गुहार लगाई है। इस संबंध में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि मुझे नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक के कार्यभार से मुक्त किया जाए। क्योंकि सारा ठीकरा मुझ पर ही फोड़े ने की तैयारी है और बिना वजह मुझपर आरोप गठित कर कार्यवाही की जाएगी। इसलिए समय रहते मुझे अधीक्षक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाए।
एनएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने आरोप लगाया है कि कुछ दिनों से प्रशासन द्वारा NMCH में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण कर ऑक्सीजन सिलेंडर एनएमसीएच की बजाय दूसरे अस्पतालों को भेजा जा रहा। इस कारण इस संस्थान में ऑक्सीजन की काफी कमी हो गई है।
मेरे अथक प्रयास के बाद भी ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान खतरे में बनी है। मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के बाद इसकी सारी जवाबदेही हम पर थोप दी जाएगी और आरोप गठित कर कार्यवाही की जाएगी। इसलिए समय रहते मुझे अधीक्षक के कार्यभार से मुक्त कर दिया जाए।