बिहार में सुशासन की सरकार है.. सूबे में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नीतीश कुमार बराबर वरीय अधिकारियों की क्लास लेते रहते हैं बावजूद दरभंगा में भू माफियाओं का कहर ने सुशासन की पोल खोल कर रख दी है..भू माफियाओं ने 10 फरवरी को जमीनी विवाद में पूरे परिवार को जिंदा जलाने का प्रयास किया था, जिसमें तीन लोगों की इलाज के दौरान आज मौत हो गई..
दरभंगा जिंदा जलाने के मामले में पहले बहन पिंकी झा की सोमवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई, मंगलवार दोपहर भाई संजय झा ने भी दम तोड़ दिया .. पिंकी झा की कोख में ही बच्चे की मौत हो गई थी…
इस मामले में नगर थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है..दरभंगा सहित सूबे के कई इलाकों में इस घटना को लेकर जन आक्रोश दिख रहा है.. लेकिन दरभंगा के लोकप्रिय सांसद गोपाल जी ठाकुर की नींद घटना के 5 दिनों बाद और वो भी तीन लोगों की मौत के बाद खुली है..
दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने खबर लिखने से तकरीबन एक घंटे पहले अपने फेसबुक प्रोफाइल पर इस घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की है.. मंगलवार देर शाम नगर थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद दोषी पुलिसकर्मी को निलंबित करने की मांग की है साथ ही आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की भी अपील की है..
सांसद गोपाल जी ठाकुर ने लिखा है कि शहर के जीएम रोड की घटना अत्यंत पीड़ादायक, जघन्य एवं मानवता को कलंकित करने वाली कुकृत्य है.. इस घटना में अपराधियों के कुत्सित प्रयास से बुरी तरह झुलसे पीएमसीएच में इलाजरत भाई बहन की मृत्यु अत्यंत दुखद है… प्रशासन यथाशीघ्र इस लोमहर्षक घटना में सम्मिलित सभी आरोपियों को गिरफ्तार करे एवं फास्ट ट्रैक अदालत गठित करके कड़ी से कड़ी सजा दी जाए..
सबसे बड़ा सवाल घटना के 5 दिनों बाद सांसद गोपाल जी ठाकुर की निंदा क्यों खुली ?…
थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद सांसद ने क्यों जागे सांसद गोपाल जी ठाकुर ?
घटना को लेकर फेसबुक पोस्ट लिखने में 5 दिनों का वक्त सांसद गोपाल जी ठाकुर को क्यों लग गया ?
क्या ये पोस्ट सिर्फ सांसद होने के नाते महज दिखावे के लिए लिखा गया है ?
या फिर मौत के बाद मामले की गंभीरता व जन आक्रोश को देखते हुए लिखा गया है ?
ये तमाम सुलगते सवाल हैं जो सांसद गोपाल जी ठाकुर जी के घटना के 5 दिनों व मौत के फेसबुक पोस्ट ने खड़े कर दिए हैं?…
सुभाष शर्मा, बिहार नाउ, दरभंगा