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पटना DM ने की स्वास्थ्य विभाग की जिला-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को किया जाएगा पुरस्कृत …

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पटना : अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि जिले वासियों को सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जरूरतमंदों के इलाज के प्रति सभी को संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षात्मक बैठक में चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप तत्परता से कार्य सम्पन्न करने की आवश्यकता है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जब कोई जरूरतमंद व्यक्ति इलाज हेतु अस्पताल जाए तो यह सुनिश्चित करें कि उन्हें समुचित सुविधा मिले। समय पर उनका उपचार हो। अस्पतालों में चिकित्सक ऑन ड्यूटी रहें। रोगियों को प्रावधानों के अनुसार निःशुल्क दवा एवं जाँच प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि जननी बाल सुरक्षा योजना में भुगतान हेतु बैकलॉग को नियमों का अनुपालन करते हुए अविलंब शून्य करें। वर्तमान में कुल बैकलॉग की संख्या 12,827 है।

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अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ में यह 1792, फुलवारी में 1058, अनुमंडलीय अस्पताल, दानापुर में 987, गुरूगोविंद सिंह अस्पताल में 887 तथा पीएचसी मसौढ़ी में 762 है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ी संख्या है। यदि एक महीना के अंदर इसमें सुधार नहीं होता है तो दोषी कर्मियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

नियमित सरकारी कर्मियों का वेतन स्थगित रखा जाएगा। संविदा कर्मियों की संविदा समाप्त की जाएगी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों तक ससमय पहुँचे इसमंे किसी भी प्रकार की शिथिलता या असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को इस पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया। उप विकास आयुक्त, पटना इसका अनुश्रवण करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने संस्थागत प्रसव में लक्ष्य के विरूद्ध 40 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अनुमण्डल अस्पतालों के उपाधीक्षकों से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि वे कारण बताएंगे कि क्यों उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 की अवधि में नौबतपुर, पालीगंज, मनेर, धनरूआ, फुलवारी, दानापुर एवं पटना शहरी क्षेत्रों में सी-सेक्शन सहित संस्थागत प्रसव 40 प्रतिशत से कम है। इसी अवधि में कुल सी-सेक्शन प्रसव की संख्या अनुमंडलीय अस्पताल दानापुर में केवल 88 एवं अनुमंडलीय अस्पताल मसौढ़ी में केवल 60 है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह खेदजनक है। उन्होंने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को संस्थागत प्रसव में शीघ्र सुधार लाने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए, सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाए। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के दौरान सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा के हर मानक का ध्यान रखा जाए। लेबर रूम और मेटरनिटी ऑपरेशन थिएटर में देख-भाल की गुणवत्ता में सुधार लाएँ।

प्रशिक्षित एवं सक्षम स्वास्थ्यकर्मियों की समग्र देख-रेख में प्रसव कराया जाए। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव की रिपोर्टिंग सही से करें। मानक के अनुसार निजी अस्पतालों में प्रसव को भी संस्थागत प्रसव में शामिल किया जाना है। सार्वजनिक अस्पतालों में चार एएनसी के विरूद्ध संस्थागत प्रसवों की संख्या संतोषजनक नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि चार एएनसी कराने के बावजूद क्यों संस्थागत प्रसव कम है सिविल सर्जन इसकी समीक्षा कर कार्रवाई करेंगे। चार एएनसी की संख्या के समतुल्य संस्थागत प्रसव की उपलब्धि के लिए विशेष प्रयास किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने आईपीडी में खराब प्रदर्शन करने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अनुमंडलीय अस्पतालों के उपाधीक्षकों से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया। इस मानक पर अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 की अवधि में मसौढ़ी की उपलब्धि केवल 14 प्रतिशत, फुलवारी की उपलब्धि 18 प्रतिशत तथा बाढ़ की उपलब्धि केवल 21 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को डाटा इन्ट्री पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया।

बैठक में अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ के उपाधीक्षक अनुपस्थित थें। डीएम डॉ. सिंह ने उन से स्पष्टीकरण कर उनका वेतन अवरूद्ध रखने का निदेश दिया।

इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य क्षेत्र की गतिविधियों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों तथा जिला अस्पताल में ओपीडी एवं आईपीडी संचालन, परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, प्रसवपूर्व देखभाल (एंटी नेटल केयर, एएनसी), नियमित टीकाकरण, टीकाकरण, जापानी इन्सेफ्लाइटिस टीकाकरण, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य आच्छादन, ई-संजीवनी के माध्यम से टेली कंसल्टेशन सेवा, वेक्टर बॉर्न रोगों का नियंत्रण, आशा का मानदेय भुगतान सहित विभिन्न बिन्दुओं पर जिला पदाधिकारी ने लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि तथा प्रगति प्रतिवेदन की तुलनात्मक विवरणी की विस्तृत समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित छः मुख्य मानकों (इन्डिकेटर्स) पर अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक की अवधि में प्रखंडों के प्रदर्शन की समीक्षा की। ये इन्डिकेटर्स हैंः-ओपीडी, आईपीडी, एएनसी रजिस्ट्रेशन, प्रथम तिमाही में एएनसी, 4 एएनसी एवं संस्थागत प्रस्तव। सबसे अच्छा एवं सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पाँच प्रखंडों की गतिविधियों का जायजा लिया गया।

रोगियों हेतु ओपीडी संचालन में अथमलगोला, पटना शहरी, मोकामा, मनेर एवं पंडारक; आईपीडी संचालन में मनेर, सम्पतचक, धनरूआ, खुशरूपुर एवं पंडारक; एएनसी के लिए गर्भवती महिलाओं के निबंधन में पटना सदर, घोसवरी, दानापुर, फुलवारी एवं मसौढ़ी; कुल निबंधित एएनसी में से प्रथम तिमाही में निबंधन में पटना सदर, घोसवरी, बाढ़, खुशरूपुर, सम्पतचक; चार एएनसी चेक-अप प्राप्त गर्भवती महिलाओं की संख्या में पटना सदर, पुनपुन, बाढ़, मनेर एवं मोकामा तथा सी-सेक्शन सहित संस्थागत प्रसव में बाढ़, दनियावॉ, बेलछी, सम्पतचक एवं मोकामा ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

ओपीडी संचालन में नौबतपुर, दुल्हिनबाजार, घोसवरी, खुशरूपुर एवं बाढ़; आईपीडी संचालन में दनियावां, मसौढ़ी, फुलवारी, बाढ़ एवं पटना शहरी; एएनसी के लिए गर्भवती महिलाओं के निबंधन में नौबतपुर, मोकामा, फतुहा, मनेर एवं पालीगंज; कुल निबंधित एएनसी में से प्रथम तिमाही में निबंधन में पटना शहरी, दानापुर, मसौढ़ी, दुल्हिनबाजार, नौबतपुर; चार एएनसी चेक-अप प्राप्त गर्भवती महिलाओं की संख्या में पटना शहरी, दानापुर, अथमलगोला, धनरूआ एवं घोसवरी तथा सी-सेक्शन सहित संस्थागत प्रसव में पटना शहरी, दानापुर, फुलवारी, धनरूआ तथा मनेर खराब प्रदर्शन करने वालों में शामिल है।

डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित सभी छः मुख्य मानकों (इन्डिकेटर्स) पर खराब प्रदर्शन करने वाले प्रखण्डों के कार्यकलापों का नियमित अनुश्रवण करने को कहा।

डीएम डॉ. सिंह ने मातृत्व देखभाल के लिए सतत प्रयत्नशील रहने का निदेश दिया। उन्होंने प्रसवपूर्व देखभाल में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने एएनसी निबंधन के आलोक में गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबीन जांच सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने सिविल सर्जन को इसका अनुश्रवण करने को कहा।

जिला का प्रसवपूर्व सेवा में निर्धारित लक्ष्य 1,53,847 के विरूद्ध उपलब्धि 1,74,358 है। यह लक्ष्य का 113 प्रतिशत है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी प्रखण्ड प्रथम तिमाही में एएनसी में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। जन-जागरूकता अभियान चलाकर भी इसमें सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने प्रसव पूर्व देखभाल एवं संस्थागत प्रसव में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आशा कार्यकर्त्ताओं तथा प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

परिवार नियोजन में दनियावॉ, मोकामा, खुशरूपुर, सम्पतचक एवं घोसवरी का अच्छा प्रदर्शन है। दानापुर, बाढ़, बेलछी, बिक्रम एवं पटना सदर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने इसमें योजनाबद्ध ढंग से सुधार लाने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने विधिवत रूप से आशा चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का निदेश दिया। वर्तमान में 3,461 लक्ष्य के विरूद्ध 3,295 आशा कार्यरत है। 166 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाना है। डीएम डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त को निदेश दिया कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी की सहायता से आशा कार्यकर्ताओं की चयन प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय अद्यतन करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय परामर्श का विधिवत प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। सभी हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्रों तथा वीएचएसएनडी दिवस को सत्र स्थलों पर भी यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

डीएम डॉ. सिंह ने पूर्ण टीकाकरण आच्छादन की समीक्षा। अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 में पटना जिला में यह 94 प्रतिशत है जो राज्य की उपलब्धि के बराबर है। डीएम डॉ. सिंह ने पूर्ण टीकाकरण आच्छादन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि शत-प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण आच्छादन हासिल करने के लिए विशेष प्रयास करें।

एमआर 1 में सम्पतचक, बाढ़, बिक्रम, पुनपुन, मनेर पीएचसी की उपलब्धि 100 प्रतिशत से ज्यादा है। एमआर 2 में सम्पतचक, खुशरूपुर, अथमलगोला, घोसवरी पीएचसी की उपलब्धि 100 प्रतिशत से अधिक है।

जापानी इंसेफ्लाइटिस 1 में बाढ़, बिक्रम, पुनपुन, सम्पतचक, मनेर, पंडारक एवं धनरूआ पीएचसी की उपलब्धि 100 प्रतिशत या अधिक है। जापानी इंसेफ्लाइटिस 2 में सम्पतचक, खुशरूपुर, घोसवरी, अथमलगोला, पुनपुन एवं दनियावॉ पीएचसी की उपलब्धि 100 प्रतिशत या अधिक है।

डीएम डॉ. सिंह ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की समीक्षा की। अप्रैल, 2023 में 36 चलंत चिकित्सा दलों द्वारा 191 विद्यालयों में 24,377 तथा 219 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 16,451 बच्चों की जाँच की गई। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में आंगनबाड़ी केन्द्रों, सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को बंद कर दिया गया था, जिसके कारण आरबीएसके के तहत स्वास्थ्य जांच गतिविधियां बाधित थीं। वर्तमान परिदृश्य में ये सभी आंगनबाड़ी केन्द्र सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय पुनः क्रियाशील हैं। उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को चलंत चिकित्सा दलों द्वारा आरबीएसके गतिविधियों को प्राथमिकता से संचालित करने का निदेश दिया। अधिक से अधिक विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों को कवर किया जाए तथा बच्चों की जाँच की जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में नियमित रूप से चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। पदस्थापित/प्रतिनियुक्त चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ अपने-अपने ड्यूटी पर मुस्तैद रहें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला स्वास्थ्य समिति की प्रत्येक बैठक में 2 प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा विगत एक माह में अपने यहां स्वास्थ्य सुविधा में किए गए सुधार के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए हम सबको नियमित तौर पर तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा।

इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, अधीक्षक गुरू गोविंद सिंह अस्पताल पटना सिटी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (प्रतिरक्षण, संचारी, गैर संचारी, वेक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण), सभी उपाधीक्षक (अनुमंडल अस्पताल एवं गर्दनीबाग अस्पताल), प्रभारी जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार एनयूएचएम, एसएमओ विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसएमसी यूनिसेफ, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (रेफरल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), सभी अस्पताल प्रबंधक/प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

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