बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजगीर दौरे पर हैं.. राजगीर में होने वाले मलमास मेले की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.. लेकिन इस सबके बीच बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है.. आमने-समने कोई विपक्षी दल नहीं, बल्कि महा गठबंधन सरकार के साथी ही हैं ..
शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे विवाद के बाद अब जेडीयू और आरजेडी में घमासान छिड़ गया है .. लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने जेडीयू कोटे से मंत्री और नीतीश के करीबी अशोक चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ..
आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने अशोक चौधरी पर करारा हमला करते हुए कहा है कि 2025 से पहले अशोक चौधरी बीजेपी में भाग जाएंगे…सुनील सिंह ने उन्हें दलबदलू बताते हुए कहा कि वो नीतीश कुमार को भी धोखा देंगे।
इसके जवाब में जदयू प्रवक्ता डॉक्टर सुनील सिंह ने कहा कि अगर ऐसा ही चला तो हमारे सब्र का बांध टूट सकता है।
इससे पहले आरजेडी एमएलसी ने अपने फेसबुक पोस्ट के बिहार सरकार के अफसरों को डाकू अंगुलिमाल और डाकू खड़ग सिंह जैसा बताया। साथ ही इशारों में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह का साथ भी दिया।
राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और राजद एमएलसी सुनील सिंह ने जदयू कोटे से भवन मंत्री अशोक चौधरी को लेकर कहा कि हर रोज दल बदलते हैं अशोक चौधरी, दलबदलू हैं। कई घाट का पानी पी चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राजो सिंह की हत्या में भी अशोक चौधरी का नाम सामने आया था।
सुनील सिंह ने यह दावा किया है कि 2025 से पहले अशोक चौधरी अपने नेता को छोड़ देंगे और जहां फायदा मिलेगा वहां निकल जाएंगे। आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह यहीं नहीं थमे उन्हें कहा कि अशोक चौधरी ने विधानमंडल में राबड़ी देवी को अपमानित किया था। वो नीतीश कुमार को भी धोखा देंगे।
गौरतलब है कि शुक्रवार को आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह पर बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया था। जिसके बाद शनिवार को सुनील सिंह ने अशोक चौधरी पर जमकर सियासी वार किया।
एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने बिहार के अफसरों की तुलना अंगुलिमाल डाकू से की है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि ‘देखिए मित्रों मैं तो बिस्कोमान के अध्यक्ष के रूप मे झूठी ही सही लेकिन ईमानदारी की ख्याति तो प्राप्त कर लिया हूं, परंतु मेरे नाक के नीचे और अगल-बगल में अंगुलिमाल डाकू और डाकू खड्ग सिंह जैसे कुख्यात पदाधिकारी बैठे हैं फिर भी चाहे जो भी हो मैं तो ईमानदार हूं न? वहीं हालात तो कहीं इस प्रदेश के ……….? देखिए मित्रों कृपया इसे अन्यथा नहीं लेंगे!
यह मेरी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है!’
बिहार में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के बीच विवाद तेज है। इसको लेकर मुख्यमंत्री से लेकर लालू प्रसाद तक को हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन तनातनी दोनों तरफ बरकरार है।
सुनील सिंह ने एक दिन पहले कहा था कि पूरे बजट में सबसे ज्यादा राशि शिक्षा विभाग को दी गई है। इसलिए यहां तनातनी की स्थिति ठीक नहीं है। केके पाठक के कार्य करने का तरीका रहा है कि वे ईमानदार व्यक्ति रहे हैं। सहकारिता विभाग में जब वे थे तब केके पाठक ने कई बैंकों को रिवाइल कर प्रॉफिट में लाया था।