शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर बिहार सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। शिक्षा विभाग राजभवन के बीच टकराव की स्थिति पर अब सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। बीजेपी ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है, वहीं सत्तापक्ष ने भी हमला शुरू कर दिया है। दोनों तरह से जुबानी जंग तेज हो गयी है।
इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक हरि भूषण ठाकुर चौल ने कहा है कि नीतीश कुमार पहले शिक्षकों को अपमानित कर रही थी और अब केके पाठक द्वारा राज्यपाल को अपमानित किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी का बॉस कुलाधिपति होते हैं और ये अधिकार शिक्षा विभाग को है ही नहीं । हालांकि, राजभवन ने इसपर रोक लगा दी है।
वहीं, आरजेडी की तरफ से पलटवार किया गया है।आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा है कि अधिक तेज गति से चलने का परिणाम यही होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूलों को लेकर अच्छा काम कर हैं लेकिन ज्यादा फास्ट चलने से थोड़ी दिक्कत होती…
इसके साथ ही आरजेडी विधायक ने केके पाठक को नसीहत देते हुए कहा कि आखिर केके पाठक दरभंगा के फोर्थ ग्रेड चपरासी को साथ लेकर क्यों चल रहे हैं जबकि वह बदनाम आदमी है। उन्होंने कहा कि थर्ड ग्रेड के कर्मचारी का एक बड़ा मकान है, आपको ऐसे लोगों से बचना चाहिए। पता नहीं, वो स्वजातीय है या फिर कुछ और ऐसे लोगों से उन्हें बचना चाहिए…
वहीं, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि किस परिस्थिति में आखिर उन्होंने ये कार्रवाई की थी, इस संबंध में शिक्षा विभाग ही बता सकता है लेकिन अगर वित्तीय अनियमितता होती है तो सरकार को जांच कराने का अधिकार है….