दरभंगा के लहेरियासराय स्थित बलभद्रपुर गांव में पिछले 32 सालों से हो रही मां काली की पूजा इस बार भी धूमधाम से हुआ है.मिथिला की संस्कृति के तहत यहां पूजा होती है.विशेष कर यहां मां की अराधना पर बहुत ध्यान दिया जाता है.ऐसा लोगों का मानना है कि यहां मां की दर्शन के लिए आने वाले हर भक्तों की मुराद मां पूरा करतींं हैं..
इस गांव में मां काली की पूजा अब सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि गांव का धरोहर बन चुका है.इसी को संजोने के लिए गांव का बच्चा बच्चा लगा रहता है.लोग पूरी खुशी और उत्साह से मां की आराधना में लगे रहते हैं.ये कहना है बलभद्रपुर काली पूजा समिति के अध्यक्ष ललन जी झा उर्फ ललन बाबा का.
वहीं पूजा पर बैठे विक्रम झा ने बताया कि मॉं की पूजा सिर्फ पूजा नहीं, आस्था है…हर साल की भॉंति इस साल भी पूरे धूमधाम से पूजा किया गया है ..पूजा के दौरान महा आरती और झिझिया नृत्य ने लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा… खासकर पूजा पंडाल इस बार बाबा केदारनाथ के तर्ज पर बना, जो दर्शकों व श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक का मुख्य केंद्र बना…
इस पूजा को बेहतर ढंग से संपन्न कराने में कार्यकर्ता रंजीत झा उर्फ गगन जी बाबा, रॉकी झा, बलराम झा, प्रशांत कुमार सहित तमाम तमाम ग्रामवासी मुख्य भूमिका में मौजूद रहे…
बता दें कि यहां मां की अराधना और पूजा वैदोच्चारण के साथ पारंपरिक तरीकों से होती है.हर कार्यकर्ता मिथिला का पारंपरिक ड्रेस यानी धोती और कुर्ता में रहते है.खासकर मां की अराधना पर विशेष ध्यान दी जाती है.महा आरती भी की जाती है,जिसकी प्रस्तुती बाल कलाकार अंकित द्वारा की जाती है.कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं.
इस मौके पर गांव के तमाम सदस्य और समिति के सक्रिय कार्यकर्ता मौजूद रहते हैं..
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ