पटना : शिक्षा विभाग के ACS के के पाठक के पदभार संभालने के साथ ही फिर नया विवाद खड़ा हो गया है … बिहार में कड़ाके की ठंढ़ की वजह से स्कूलों में छुट्टी को लेकर के के पाठक और पटना डीएम आमने-सामने है… ठंढ़ में स्कूलों में छुट्टी नहीं देने को लेकर के के पाठक के आदेश के बावजूद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने स्कूलों में छुट्टी दे दी है … कड़ाके की ठंढ़ को देखते हुए पटना डीएम ने सभी स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश जारी किया है ….
ठंढ़ की वजह से स्कूलों में छुट्टी को लेकर के के पाठक के आदेश के खिलाफ पटना डीएम ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर पटना में स्कूल नहीं खोलवाने की नसीहत दी है .. उन्होंने कहा है कि ऐसे करने वाले अधिकारियों को 6 महीने की जेल जानी पड़ सकती है …
पटना डीएम ने तमाम संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए बताया है कि डीएम का ये विशेषाधिकार होता है कि किसी भी विपरित परिस्थितियों में कोई कानून संगत फैसला ले सके… इसमें किसी की हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है …
पटना डीएम चंद्रशेखऱ ने शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह को लिखे पत्र में कहा है पटना जिला में शीतलहर और कम तापमान जारी रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है. ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत पटना जिला के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर सहित) में क्लास-8 तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर तक प्रतिबंध लगाया गया है. क्लास-9 से ऊपर की शैक्षणिक गतिविधियों को पर्याप्त सावधानी के साथ जारी रखा गया है.
पटना के डीएम चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत जिला दंडाधिकारी को स्कूल बंद करने का आदेश देने पर्याप्त अधिकार है. डीएम ने अपने पत्र में सीआरपीसी की धाराओं के तहत मिले अधिकार की विस्तृत चर्चा की है. डीएम चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि कोई भी जिलाधिकारी के आदेश की जान बूझ कर अवहेलना करता है औऱ इससे मानव जीवन, स्वास्थ्य, या क्षेम को संकट होता है तो 6 महीने की जेल औऱ एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
पटना डीएम ने शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि जिले में अत्यधिक कम तापमान और शीत दिवस के कारण बच्चों के स्वास्थ्य औऱ जीवन के खतरे में पड़ने की प्रबल संभावना है. ऐसे में जिला दण्डाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों के तहत न्यायिक आदेश निर्गत किया गया है. इसमें शिक्षा विभाग की अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है और न ही किसी गैर-न्यायिक आदेश या पत्र से इस आदेश को बदला जा सकता है. इसकी समीक्षा कोई सक्षम न्यायालय द्वारा ही की जा सकती है.
डीएम ने कहा है कि इसके बावजूद शिक्षा निदेशक का पत्र लिख कर स्कूलों को खुलवाने का आदेश जारी करना उनके अधिकार से बाहर है. वह आदेश कानून के खिलाफ और अप्रासंगिक है. अगर जरूरी हो तो इसके लिए शिक्षा विभाग कानूनी राय ले ले. डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस पत्र की कॉपी भेजते हुए स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने का आदेश मानने को कहा है.