बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन एक बार फिर आमने-सामने है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शनिवार दोपहर 12 बजे सभी यूनिवर्सिटी के वीसी, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में एक भी कुलपति और कुलसचिव नहीं पहुंचे। मीटिंग का हॉल पूरा खाली दिखाई दिया।
कुलपतियों को राजभवन ने इस बैठक में शामिल होने से मना किया है। सभी कुलपतियों को कहा गया है कि आप मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
उच्च शिक्षक निदेशक ने पत्र जारी किया था
केके पाठक के निर्देश पर यह आदेश शिक्षा उच्च निदेशालय की ओर से जारी किया गया था। उच्च शिक्षा उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने इस संबंध में एक लेटर जारी किया था। अपने पुराने आदेश को याद दिलाते हुए सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को कहा था कि बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का आदेश था। इसे फिलहाल स्थगित किया गया है।
सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई थी। 28 फरवरी को यह आदेश दिया गया था। आईएएस केके पाठक के आदेश पर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई है। मदन मोहन झा स्मृति भवन में यह बैठक होगी। इसमें कुलपति, कुल सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक सभी प्रतिवेदनों के साथ समय पर भाग लें।
28 फरवरी को भी बुलाई थी बैठक
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 28 फरवरी को विश्वविद्यालय के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी। इसमें कोई भी कुलपति शामिल नहीं हुए थे। सिर्फ तीन विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि पहुंचे थे। केवल तीन प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग के छह से अधिक अफसरों ने बैठक की थी। नाम मात्र के लिए हुई इस मीटिंग की अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने की थी।
राजभवन से अनुमति नहीं मिली थी
राजभवन ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद केके पाठक ने बैठक बुलाई थी। अध्यक्षता केके पाठक ही करने वाले थे, लेकिन बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति इसमें शामिल नहीं हुए।
राजभवन के निर्देश का हर हाल में पालन करना है
राजभवन का स्पष्ट निर्देश था कि विश्वविद्यालय के अधिकारी राजभवन के अधीन हैं। राजभवन के निर्देश का उन्हें हर हाल में पालन करना है। शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय या राजभवन के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। राजभवन के निर्देश पर केके पाठक की बैठक में कोई भी कुलपति नहीं पहुंचे थे। विश्वविद्यालयों के अन्य पदाधिकारी भी नहीं आए थे।
वीसी, रजिस्ट्रार का वेतन रोका था
मीटिंग में शामिल नहीं होने के बाद बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के खिलाफ शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक ने बड़ी कार्रवाई की थी। सभी कुलपतियों का वेतन रोक दिया गया था। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव को छोड़कर सभी कुल सचिवों का भी वेतन रोका गया था।
मगध विश्वविद्यालय और संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को छोड़कर सभी विश्वविद्यालय के एग्जाम कंट्रोलर का वेतन रोका गया था। यहीं नहीं IAS केके पाठक ने पूछा है कि काम सही से पूरा नहीं करने पर आप पर FIR क्यों नहीं की जाए। शिक्षा सचिव वैधनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिव को पत्र लिखा था।