राजीब झा / सहरसा
विश्वविद्यालय नाट्य एवं संगीत विभाग ल.ना.मि.वि. दरभंगा में सत्र 2019-21 के पीजी के छात्रों द्वारा मंगलवार 19 नवम्बर को धर्मवीर भारती लिखित नाटक “अंधा युग ” अमलेश आनंद के निर्देशन में और विभागाध्यक्ष लावण्या कृति सिंह काव्या के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया। अंधा युग की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को महाभारत के त्रासदी की याद दिलाई |
धृतराष्ट्र-गांधारी के 99 पुत्रों को खोने का और पूरे वंश के विनाश का मार्मिक कथा मंच पर चित्रित हुआ | नाटक के दृश्य को मंच पर खूबसूरत ढंग से सजाया था मणिकांत चौधरी और मंचीय प्रकाश परिकल्पना था डिपार्टमेंट के पूर्वर्ती छात्र राह चुके अक्षय शर्मा ने प्रेक्षागृह में नाटक का आनंद ले रहे विभाग के शिक्षकगण, पदाधिकारीगण, संगीत एवं नाट्य विभाग के सभी विद्यार्थियों ने नाटक को देख कर खूब आनंद उठाया।
सभी लोगों ने नाटक के दृश्य और कलाकारों के संवाद से लगातार जुड़े रहे। खास बात ये रही कि प्रस्तुत नाटक कि प्रस्तुति में कलाकारों ने महीने भर की तैयारी में इतनी अच्छी प्रस्तुति दी | विभागाध्यक्ष ने भी पूरे नाटक को लगातार देखा और अन्य विद्यार्थियों को प्रस्तुत नाटक की टीम से सीखने को कहा | विभागाध्यक्ष लावण्या कृति सिंह काव्या ने छात्रों से कहा कि – अगर आप चाह लेंगे तो अच्छी प्रस्तुति दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आपकी शालीनता और कर्मठता में भगवान का वास होता है, इस लिए इस विद्या की मंदिर को हर प्रकार से स्वच्छ और स्वास्थ्य का माहौल कायम रखना चाहिए। नाटक में भाग लेने वाले कलाकार थे- धृतराष्ट्र की भूमिका में- मणिकांत चौधरी, गांधारी- उज्जवला गांगुली, विदुर- अमलेश कुमार आनंद, याचक- नीरज कुमार कुशवाहा, प्रहरी प्रथम- दिवाकर कुमार, प्रहरी द्वितीय- नितेश कुमार, गिद्ध एक- महेंद्र कुमार, गिद्ध दो- हरिनारायण कामत, दासी- श्रेया मयंक, ग्रामीण- अंकित कुमार नेपथ्य में इनकी सहभागिता रही, संगीत- मोहित पाण्डेय, प्रकाश- अक्षय शर्मा, रूप सज्जा- डॉ. हेमेंद्र लाभ’ परिधान – अंकित कुमार, प्रोपर्टी- नितेश कुमर, पूर्वाभ्यास प्रभारी – हरिनारायण कामत और उद्घोषणा- विजय शाह साथ हीं तृतीय सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी भी इस नाटक की प्रस्तुति में काफी सहयोग दिया।