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ICDS व केयर इंडिया के पदाधिकारियों ने की बैठक…

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लखीसराय, : आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा की जाने वाली आंगनबाड़ी गतिविधियों व उनकी जानकारियों की समीक्षा करने और उनके क्षमतावर्धन को लेकर जिला संसाधन समूह के पदाधिकारियों व सदस्यों की बैठक शुक्रवार को जिले के एक होटल में की गयी. इस बैठक के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षिकाओं का क्षमतावर्धन कर गर्भवती महिलाओं व बच्चों के खानपान के साथ उनके देखभाल के संबंध में व्यवहार परिवर्तन की जरूरत पर बल दिया गया.

इस अवसर पर आइसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अनुपमा कुमारी ने बताया आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षकों को विभिन्न मॉड्यूल के तहत गर्भवती की देखभाल व उनके खानपान सहित छोटे बच्चों के स्वास्थ्य आदि के बारे में जानकारी रखने के उद्देश्यों को लेकर उन्हें पूर्व में ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है. आगे भी यह प्रशिक्षण दिया जायेगा जिससे इसका सीधा लाभ गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को मिलेगा. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.

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केयर इंडिया के जिला संसाधन ईकाई के टीम लीडर नावेद उर रहमान ने बताया आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षकों को मॉड्यूल के तहत छोटी छोटी जरूरी बातों की जानकारी देने के लिए कहा गया है. मीटिंग में उनके कार्यों की समीक्षा करते हुए उनके और अधिक क्षमतावर्धन किये जाने की दिशा में विचार विमर्श किया गया है ताकि आंगनबाड़ी सेविकाएं सामुदायिक स्तर पर गर्भवती माताओं, धात्री माताओं व उनके परिवार के व्यवहार परिवर्तन की दिशा में आवश्यक कदम उठा सकें.

व्यवहार परिवर्तन की दिशा में करना है काम
बैठक के दौरान सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन की दिशा में आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षिकाओं को नियमित मासिक बैठक करने की बात बताई गयी. . इस दिशा में उन्हें गृह भेंट योजना पंजी बनाने व अपडेट करने तथा गृहभेंट की शुरूआत, आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित सामुदायिक कार्यक्रम योजना व इसकी शुरूआत आदि से संबंधित काम करना है. आंगनबाड़ी सेविकाओं के कामों में नवजात शिशुओं द्वारा सही तरीके से नियमित स्तनपान की जानकारी, कमजोर नवजात शिशुओं की पहचान करने और उनकी देखभाल, शिशुओं के उपरी आहार व भोजन में विविधता, महिलाओं में एनीमिया की पहचान व रोकथाम करने, शून्य से छह माह तक के शिशुओं का केवल स्तनपान सुनिश्चित करना आदि शामिल है.
शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण पर हुयी चर्चा:

छूट रहे कमजोर नवजात शिशुओं की रिपोर्ट तैयार करना, शिशुओं के शारीरिक वृद्धि , स्तनपान संबंधित समस्याओं में माता को सहयोग, कंगारू मदर केयर की मदद, बच्चों में कुपोषण की पहचान करना आदि के पर प्रशिक्षण देते हुए सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन की दिशा में काम करने की बात बताई गयी. साथ ही यह बताया गया कि बीमारी के दौरान और बीमारी के बाद शिशु के आहार की जानकारी देने के साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं को बीमार बच्चे के घर का नियमित दौरा कर उसके स्वास्थ्य की जानकारी अपडेट करना है. उन्हें घर जाकर व ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस के दिन धात्री महिलाओं को स्तनपान कर रहे बच्चे को छह माह तक पानी या अन्य प्रकार का तरल पदार्थ बिल्कूल नहीं देने आदि की जानकारी समुदाय में पहुंचानी है.

इस दौरान दौरान केयर इंडिया के टीम लीडर नावेदउर रहमान, डीटीओ आउटरिच एंड न्यूट्रिशन विजय पांडे, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक भारती, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अनुपमा कुमारी, यूनिसेफ एसएनसी नैयर आजम, नेशनल न्यूट्रिशन मिशन से मधुमाला कुमारी व विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

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