कोरोना- वायरस के संभावित मरीजों के उपचार के लिये डीएमसीच में बनाया गया 10 बेड का नया वार्ड..
दरभंगा. . स्वास्थ्य विभाग से जारी निर्देश के बाद कोरोना वायरस को लेकर डीएमसीएच प्रशासन सर्तक हो गया है. इसे लेकर मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों को भी एर्लट कर दिया गया है.
इसके मद्देजनर नेपाल, सीतामढ़ी, मुजफफपुर आदि जगहों से आने वाले मरीजों में अगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी- जुकाम, खांसी आदि विशेष लक्ष्ण पाये जाने पर अगल वार्ड में भर्ती करने को कहा गया है. ताकि अन्य मरीजों को इसके संक्रमण से बचाया जा सके. संभावित मरीजों के उपचार के लिये आइडीएच विभाग में 10 बेड का वार्ड बनाया गया है. किसी भी समय संभावित लक्षण वाले मरीजों के यहां आने पर तुरंत उपचार शुरू की जायेगी.
हालांकि कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज के यहां पहुंचने का मामला सामने नहीं आया है. लेकिन एहतियातन डीएमसीएच प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई की गयी है. इसे लेकर डीएमसीएच अधीक्षक डॉ आरआर प्रसाद खुद मोनिटरिंग कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की समीक्षा, निगरानी एवं रोकथाम के दिये निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर संबंधित राज्य स्तरीय अधिकारीयों के साथ बैठक की. प्रधान सचिव ने हालात पर कड़ी नजर रखने के लिए निर्देशित किया है. विदित हो कि कोरोना-वायरस के निगरानी के लिए इंट्रीगेटेड डिजीज ऑफ़ सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के राज्य सर्विलांस अधिकारी को नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है, जो जिलों तथा स्वास्थ्य संस्थानों से निरंतर संपर्क में रहेंगे.
मालूम हो कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव प्रीति सूदन ने 17 जनवरी को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर इस रोग के विषय में जानकारी दी थी. पत्र में बताया गया था कि चीन के वुहान शहर में कोरोना-वायरस के 41 मामलों की पुष्टि हुयी थी. हालांकि तीन जनवरी के बाद वुहान शहर से कोई नए मामलों की पुष्टि नहीं हुयी है. इसके अलावा ट्रेवल संबंधित कारणों के कारण कोरोना-वायरस के एक-एक मामले थाईलैंड एवं जापान में भी मिले हैं. सभी मामलों में निमोनिया एवं गंभीर श्वसन के लक्षण पाए गए हैं.
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण से फैलता है वायरस
कोरोना वायरस एक तरह का संक्रमित होने वाला वायरस है. विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को लेकर लोगों को चेता चुका है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिए फैलता है. दुनिया के सभी देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिए ही पहुंच रहा है. इस वायरस के लक्षण निमोनिया की ही तरह हैं. कोरना वायरस जानवरों में भी पाया जाता है. समुद्री जीव- जंतुओं से यह वायरस चीन के लोगों में फैला है्. दक्षिण चीन में समुद्र के आसपास रहने वाले लोगों को सबसे पहले इस वायरस ने चपेट में लिया, जिनमें वुहान शहर है. दक्षिण चीन के बाजार जहां काफी मात्रा में समुद्री जीव मिलते हैं, उनके जरिए यह वायरस लोगों में फैला. इस बाजार में समुद्री जीव जिंदा भी मिलते हैं और उनका मांस भी मिलता है. यहीं से इस वायरस ने चीन के निवासियों को अपनी चपेट में लिया है्.
कया है लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मरीज को बुखार, सांस लेने में समस्या, सर्दी- जुकाम, खांसी, नाक का लगातार बहना, सिर में दर्द, अंगों का काम करना बंद हो जाना आदि लक्षण पाया जाता है. बता दें कि कोरोना वायरस में किसी भी तरह की कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करती है. फ्लू में दी जाने वाली एंटीबायोटिक भी इस वायरस में काम नहीं करती है. अस्पताल में भर्ती कराए जाने वाले व्यक्ति के अंगों को फेल होने से बचाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ दिया जाता है.
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कोरोमा वायरस के संभावित मरीजों के लिये आइडीएच विभाग में अलग से 10 बेड का वार्ड बना दिया गया है. बाहर से आने वाले मरीजों पर विशेष नजर रखने को लेकर चिकित्सकों को कहा गया है. किसी भी प्रकार का मामला आने पर उसे अलग वार्ड में भर्ती कर चिकित्सा शुरू करने को कहा गया है. हालांकि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.
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