पूरा विश्व सहित भारत एक वैश्विक विपदा कोरोना से जूझ रहा है..देश के विभिन्न राज्यों में लॉक डाउन कर दी गई है..ऐसी स्थिति में विभिन्न राज्यों के लोग देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं.ऐसे तमाम फंसे हुए लोगों के लिए हर राज्य सरकार अपनी तरफ से संभावित सुविधा मुहैया करवा रही है… बावजूद कई ऐसे फंसे हुए लोग हैं जहां किसी कारणवश सरकारी तंत्र को पहुंचने में कठिनाई हो रही है..
बिहार में फंसे गुजरातियों का हाल भी कुछ ऐसा ही था .. तिरुपति बालाजी से लौटने के क्रम में ट्रेन बंद होने के कारण दानापुर में फंस गए..जिसकी सूचना मिलते ही बिहार में फंसे 18 बुजुर्ग गुजरातियों के लिए पत्रकार शिवपूजन झा और उनके बचपन के स्कूल माउंट ऐस्सी स्कूल 90 बैच के दोस्तों व मित्र कुमुद सिंह ने जो कुछ किया, वो किसी फ़रिश्ते से कम नहीं है…
पत्रकार शिवपूजन झा न सिर्फ खबरों की भूख में इन तक पहुंचे , बल्कि उन्होंने एक जिम्मेदार नागरिक व पत्रकार होने का भी फर्ज बखूबी निभाया है…साथ ही शिवपूजन झा सहित इनके तमाम दोस्तों ने फंडिंग एकत्रित कर 32 बेसहारा मजदूरों को एक माह का राशन मुहैया करवाने का बंदोबस्त किया है….
पत्रकार शिवपूजन झा ने बिहार नाउ से बात करते हुए बताया कि पटना में 18 बुजुर्ग गुजरातियों के फंसे होने की सूचना उन्हें प्राप्त हुई.इसके बाद उन्होंने इस मामले में पहल करते हुए तुरन्त बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार से इस बाबत बात कर उक्त लोगों के मदद की बात की…और फंसे हुए गुजरातियों की बात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नीरज कुमार से करवाई…
मंत्री नीरज कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.. इसके बाद मंत्री नीरज कुमार ने पटना SSP उपेन्द्र शर्मा को फोन कर इससे अवगत कराते हुए हर संभव मदद करने को कहा…
सूचना मिलते ही पटना SSP ने तुरन्त पत्रकार शिवपूजन झा से संपर्क कर उन तमाम फंसे हुए लोगों तक पहुंचे और सबसे पहले उन लोगों को पटना में ठहरने की फ्री व्यवस्था कराई… साथ ही हर मदद करने को कहा…
शनिवार सुबह फिर फंसे हुए गुजरातियों ने पत्रकार शिवपूजन झा को राशन न होन की सूचना फोन कर दी, जिसके बाद पत्रकार शिवपूजन ने खुद और अपने स्कूली मित्र कुमुद सिंह के सहयोग से राशन की तमाम सामानों को खरीद कर उन तक खुद पहुंचाया..
साथ ही ऐसी और कोई दिक्कत होने पर तुरंत सूचना देने की बात कही… हालांकि SSP उपेन्द्र शर्मा ने भी फुड पैकेट भिजवाया और हर संभव मदद करने की बात कही…
आपको बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में पिछले 3 दिनों 18 गुजराती फंसे है जिनमे 8 बुजुर्ग महिला और 10 बुजुर्ग व्यक्ति है ..और अब उनके खाने पीने के लाले पड़े हुए थे क्योंकि उनके पास पैसे नही थे, और वो अब गुजरात जाना चाहते है लेकिन लॉक डाउन के कारण वो कही जा भी नही पा रहे है..
पटना जंक्शन के एक छोटे से नेशनल गेस्ट हाउस में बिना खाय पिये परेशान है, इनकी कहना है ये लोग गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले व्यपारी है और रामेश्वरम से लौट रहे थे … हालांकि पत्रकार शिवपूजन झा की पहल के बाद इन लोगों को हर जरूरत की सामग्री उपलब्ध हो चूका है ….
अभिषेक झा, एडिटर, बिहार नाउ