बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रोo विनोद कुमार चौधरी ने मैथिली पुत्र प्रदीप जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि मिथिला के इस लाल की क्षतिपूर्ति निकट भविष्य में नहीं हो सकती है। व्यक्तिगत रूप से मेरा तीन दशक पहले से इनसे सम्पर्क था तथा इनके कवि हृदय की भावुकता को मैं कभी भुला नहीं सकूँगा।
“ जगदंब अहीं अबलंब हमर , हे माय अहाँ बिनु आस केकर ।।”
जबतक मिथिला वासी के हृदय में यह भगवती गीत प्रचलित रहेगा तबतक मैथिली पुत्र प्रदीप अमर रहेंगे।
मिथिलावसियों से प्रोo चौधरी ने इनके कृतित्व रूपी धरोहर को संजो कर रखने की अपील की है।
उन्होंने उनके निशान पर गहरी शोक सामवेदना व्यक्त की है।