वाह रे सुशासन की सरकार … आपकी लीला बड़ा ही विचित्र है … जिस न्याय के इंतज़ार में पूरा देश और खासकर बिहार के लोग आँखें बिछाकर कर बैठे थे … आपने उस अधिकारी को प्रोमोशन दे दी … वाह क्या बात है ?
आपको कोई फर्क नही पड़ा की उसने आपके पुलिस प्रशासन के एक जमादार को गाली दी … आपको कोई फर्क नही पड़ा की उसने उस मजबूर जमादार को सड़क पर उठक बैठक करवाई … आपको कोई फर्क नही पड़ा की खुद DGP साहब ने जमादार को न्याय का भरोसा दिया था … आपको कोई फर्क नही पड़ा की उसने सरेआम बिहार पुलिस को बेज्जत किया …
बता दें कि अररिया में तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने ड्यूटी में तैनात एक चौकीदार को सड़क पर ही उठक बैठक करवा दिया था…इस मामले में एक एएसआई को निलंबित कर दिया गया था लेकिन आरोपी पदाधिकारी मनोज कुमार पर कार्रवाई करने के बजाए सरकार ने रहम कर दिया है.
मनोज कुमार। को छपरा का उप निदेशक, अपर कृषि निदेशक प्रसार बिहार बनाया गया है…ऐसे सवाल उठना लाजिमी है कि सरकार की क्या मजबूरी रही की जिस अधिकारी पर कार्रवाई का भरोसा सरकार ने ही दी थी, तो अचानक प्रोन्नति कैसे मिली ?
क्या इस मामले में सिर्फ निलंबित ASI ही दोषी था…
महीप राज, बिहार नाउ, पटना