बाहर से आ रहे प्रवासी लोगों को रखने के लिए बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थापना की गई। मगर आए दिन क्वरंटाइन सेंटरों से जो तस्वीर सामने आ रही है वह बेहद ही चौंकाने वाली है। जिस पर इन दिनों बिहार की राजनीति भी अब खूब हो रही है
क्वॉरेंटाइन सेंटर पे लगातार हो रहे हंगामे के बीच अब राजनीति ने भी अपना रूप ले लिया है ताजा मामला पूर्णिया के बड़हरा कोठी कोरेन्टीन सेंटर का है। यहां रहे प्रवासी मजदूरों ने पूर्णिया यूC O की गाड़ी का घेराव कर जमकर हंगामा किया । इन मजदूरों का कहना था कि खाने में सड़ा हुआ चावल दाल और सब्जी मिलता है
और ना ही पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था है जिसको लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर मे रह रहे प्रवासी मजदूरों ने जमकर हंगामा किया।
मजदूरों के हंगामा करने से सकते में आई सरकार नेतृत्व पूर्णिया के जिलाधिकारी से बात कर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया जो कि हमेशा होता ही है।
हमेशा नए मुद्दे की तलाश में विपक्ष को मानो सोने का हार मिल गया हो विपक्ष ने तुरंत ही पूर्णिया क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रहे हंगामे को लेकर आपत्ति दर्ज की । आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर जमकर हमला बोला।
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मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटर को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं ऐसा लगता है कि इन प्रवासी श्रमिकों को जिनको हमने बाहर से लाया है उन्हें हम सजा में डाल रहे हैं जहां कोई व्यवस्था ही नहीं है। क्वॉरेंटाइन सेंटर को इस तरह से बनाया गया है जैसे कि वह कारागाह हो ना तो वहां खाने की व्यवस्था है और ना ही इंसान के अंदर रहने के लिए कोई इंतजाम इसका जीता जागता उदाहरण बांका और पूर्णिया क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रहे हंगामे को लेकर है।